
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कोलंबिया (Colombia) में दिए गए बयान पर भाजपा ने गुरुवार को तीखा हमला बोला है। राहुल ने कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में भारत के लोकतंत्र को लेकर बयान दिया था और देश में विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं के बीच उत्पन्न खतरों की बात कही थी। इस पर भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत की छवि खराब करते हैं और लोकतंत्र की आलोचना का अवसर पाकर देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी-वाड्रा परिवार ने 70 साल तक देश को गरीबी में रखा और पिछड़ा बनाए रखा। भंडारी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, तब राहुल गांधी जलन और नफरत में लोकतंत्र और प्रगति पर सवाल उठाते हैं।
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी भारत-विरोधी बयान देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी-वाड्रा परिवार ने 70 साल तक देश को गरीबी में रखा और पिछड़ा बनाए रखा। भंडारी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, तब राहुल गांधी जलन और नफरत में लोकतंत्र और प्रगति पर सवाल उठाते हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को आदत हो गई है कि वो विदेश जाकर भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम करते हैं। मेघवाल ने कहा कि देश की जनता इस तरह के व्यवहार को पसंद नहीं करती।
राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने कहा कि राहुल गांधी का स्वभाव ही ऐसा है। वे अपनी पार्टी के स्वयंभू युवराज हैं और हमेशा भारत की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकारें थीं तब भी फैसले विदेशी दबाव में ही लिए जाते थे। बेधम ने दावा किया कि आज दुनिया भारत की बात मान रही है और यह बात राहुल गांधी को हजम नहीं हो रही।
दरअसल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहे हमले का है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है और लोकतंत्र ही इसे मजबूती देता है।
वहीं, चीन पर राहुल ने कहा कि भारत और चीन की तुलना गलत है, क्योंकि चीन केंद्रीकृत और तानाशाही ढांचे पर चलता है, जबकि भारत की ताकत उसकी भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस विविधता को दबाया गया तो देश में गहरी दरारें पैदा होंगी।
राहुल ने वैश्विक राजनीति पर बोलते हुए कहा कि सुपरपावर बनने का रास्ता ऊर्जा बदलाव से होकर गुजरता है और आज अमेरिका व चीन इस ट्रांजिशन की दौड़ में हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस टकराव के बीच खड़ा है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी चुनौती रोजगार सृजन और उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था का विकास है।
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