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तिहाड़ जेल में बंद पहलवान Sushil Kumar की न्यायिक हिरासत 25 जून तक बढ़ी

दिल्ली. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम (Chhatrasal Stadium) में हुई सागर पहलवान की हत्या (Sagar Dhankhar Murder Case) मामले में गिरफ्तार सुशील कुमार न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) फिर बढ़ गई है. शुक्रवार को आरोपी पहलवान सुशील कुमार की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उसे रोहिनी कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन ने पेश किया था. कोर्ट ने 25 जून तक सुशील कुमार की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. इससे पहले सुशील कुमार की जेल में अपने लिए स्पेशल डाइट और फूड सप्लीमेंट की मांग वाली याचिका को रोहिणी कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि जेल में जो जरूरी चीजे है वो मुहैया कराई जा रही है. मालूम हो कि पहलवान सुशील कुमार ने तिहाड़ जेल में अपने लिए हाई सिक्योरिटी सेल और हाई प्रोटीन वाले खाने की मांग की थी. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में सुशील कुमार की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था. सुनवाई के दौरान आरोपी पहलवान के वकील ने कोर्ट से कहा था कि जेल में आरोपी सुशील कुमार की जान को खतरा है, लिहाजा वह बाकी आरोपियों की तरह जेल में नहीं रह सकते.


आरोपी सुशील कुमार की ओर से पेश अधिवक्‍ता ने उन्‍हें हाई सिक्योरटी सेल में रखने की मांग की थी. इस पर तिहाड़ जेल की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि सुशील कुमार की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा गया है. उन्हें हाई सिक्योरिटी सेल में रख दिया गया है. तिहाड़ जेल के इस दलील पर आरोपी सुशिल कुमार के वकील संतुष्ट हो गए और कहा कि तिहाड़ जेल के इस काम की सराहना करते हैं. वहीं, आरोपी सुशील कुमार के तरफ से कोर्ट से ये भी मांग की गई थी कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, ऐसे में उन्‍हें हाई प्रोटीनयुक्‍त खाना दिया जाना चाहिए.

आरोपी सुशील कुमार के वकील की इस मांग का तिहाड़ जेल प्रशासन ने कड़ा विरोध किया था. जेल प्रशासन की ओर से कहा गया था कि सुशील एक कैदी हैं, अतिथि नहीं कोई गेस्ट नहीं कि उन्हें हाई प्रोटीन का खाना मुहैया कराया जाए. जेल में और भी कैदी हैं जो अच्छे भोजन या हाई प्रोटीन वाले खाने की मांग करते हैं. अगर सुशील को हाई प्रोटीनयुक्‍त भोजन दिया जाएगा तो दूसरे कैदियों पर इसका असर पड़ेगा. तिहाड़ जेल के इस दलील के बाद सुशील कुमार के वकील ने कोर्ट से कहा था कि तब आरोपी सुशील को दोनों टाइम घर का खाना खाने की इजाजत दी जाए. श्‍ह जेल मैन्युअल में भी है. इसका भी तिहाड़ जेल ने विरोध किया और कहा था कि हम डॉक्टर से सलाह लेकर इस बारे में बताएंगे.

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