भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Paddy Minister Narendra Modi) ने सोमवार को विश्व जल दिवस पर ‘जल शक्ति अभियान- कैच द रेन” का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अनुबंध को लेकर कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश और विशेषकर बुंदेलखण्ड के लिए एक सपने के साकार होने के समान है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने देश की नदियों को जोड़ने का एक दूरदर्शी सपना देखा। जिन नदी घाटियों में अधिक पानी है उन्हें यदि ऐसी नदी घाटियों में ले जाया जाये जहाँ पानी कम है, तो पानी व्यर्थ नहीं जायेगा और इसे सिंचाई तथा पेयजल के काम में लिया जा सकेगा। इस दूरदर्शी सपने को हमारे यश्स्वी और युगदृष्टा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार करके दिखाया है। नदी जोड़ो परियोजना सहकारी संघवाद के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है।
8 लाख 11 हजार हेक्टयर क्षेत्र में होगी सिंचाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के नौ जिलों में 8 लाख 11 हजार हेक्टयर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा। लगभग 41 लाख लोगों को पेयजल की सुगम उपलब्धता होगी। इस परियोजना में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का योगदान विशेष उल्लेखनीय है। वर्ष 2017-18 के अनुमान के अनुसार परियोजना की लागत लगभग 35 हजार 111 करोड़ रुपये थी, जिसका वर्तमान मूल्य कहीं अधिक है। कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। मात्र दस प्रतिशत राज्यों को व्यय करना है। यह परियोजना बुंदेलखण्ड में जन क्रांति लायेगी। बुंदेलखण्ड की धरती अत्यंत उपजाऊ है, जो जल के अभाव में सूखे का शिकार होती रही। यह पानी बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। यह परियोजना बुंदेलखण्ड की जीवन-रेखा बनेगी। छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले के लोगों के जीवन स्तर में समृद्धि और खुशहाली लेकर आयेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का माना आभार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानते हुए कहा कि उनके विजन और मिशन के परिणामस्वरूप ही परियोजना पूर्णता की ओर बढ़ रही है। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार माना तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अनुबंध के लिए बधाई दी।
नदियों को जोड़ने के 30 लिंक चिंहित
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में नदियों को आपस में जोड़ने के 30 लिंक चिंहित किये गये हैं। इनमें सर्वप्रथम केन-बेतवा लिंक का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कैच द रेन व्हेयर इट फाल्स एण्ड व्हेन इट फाल्स का मंत्र दिया है। इस मंत्र के पालन में जन-सहभागिता से देश में जल क्रांति का सूत्रपात होगा।
मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा उपस्थित रहे।
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