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सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार लाइव स्ट्रीमिंग, विदाई से पहले पांच बड़े फैसले देंगे CJI

August 26, 2022


नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने अंतिम दिन आज जस्टिस एनवी रमण पांच हाई-प्रोफाइल मामलों में फैसला सुनाएंगे। चीफ जस्टिस की विदाई की सबसे खास बात यह होगी कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। गुरुवार की देर रात, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अदालत की वाद सूची को अपडेट किया। रात करीब साढ़े 11 बजे जारी की गई सूची में प्रधान न्यायाधीश द्वारा सुनाए जाने वाले पांच बड़े फैसले शामिल हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ शुक्रवार की सुबह जिन पांच मामलों में फैसला सुनाएगी उसकी सूची इस प्रकार है…

  • चुनावी मुफ्त योजना
  • 2007 गोरखपुर दंगों पर याचिका
  • कर्नाटक खनन मामला
  • राजस्थान माइनिंग लीज इश्यू
  • दिवालियापन कानून के तहत परिसमापन कार्यवाही पर विनियम

चीफ जस्टिस ने गुरुवार को इन चार मामलों पर की थी सुनवाई

  1. चीफ जस्टिस ने ठंडे बस्ते में पडे़ पेगसस के मामले को सुना
  2. दूसरे नंबर पर पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को सुना
  3. तीसरे नंबर पर चीफ जस्टिस रमना ने PMLA एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आई रिव्यू पिटीशन को सुना.
  4. चौथे नंबर पर बिलकिस बानो के मामले पर सुनवाई हुई

अपने कार्यकाल के दौरान 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया
चीफ जस्टिस रमण के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कई उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया और दिल्ली उच्च न्यायालय से संबंधित लगभग सभी नामों को मंजूरी दे दी। जस्टिस रमण ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न्यायाधीशों की नियुक्ति और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को उठाया और आशा व्यक्त की कि वह कानूनी बिरादरी की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।

चीफ जस्टिस रमण का अब तक का सफर
चीफ जस्टिस रमण एक साल चार महीने का कार्यकाल पूरा कर 26 अगस्त को देश के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो जाएंगे। उनकी जगह जस्टिस यूयू ललित देश के नए मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। एनवी रमण का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। उनको 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था और फिर वे दो सितम्बर 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बने और 17 फरवरी 2014 को वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। फिर न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे के सेवानिवृत्त होने पर 23 अप्रैल 2021 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।

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