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लॉकडाउन में पश्चिम रेलवे ने माल यातायात से कमाए 2809 करोड़

August 02, 2020

मुंबई। कोरोना वायरस के कारण घोषित पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान परिदृश्य के दौरान परिवहन और श्रम की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने अपनी लोडिंग गतिविधियों को लगातार जारी रखा है। यह अहम सिलसिला पश्चिम रेलवे के कर्मठ अधिकारियों और निष्ठावान कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों की बदौलत ही सम्भव हो पाया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने 31 जुलाई, 2020 तक मालगाड़ियों के 10,798 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है, जिसके फलस्वरूप 2809.64 करोड़ रु. से अधिक की उल्लेखनीय आमदनी हासिल हुई है। विभिन्न स्टेशनों पर श्रमशक्ति की कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के जरिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन बखूबी सुनिश्चित किया जा रहा है। इनमें पीओएल के 1155, उर्वरकों के 1840, नमक के 586, खाद्यान्नों के 109, सीमेंट के 844, कोयले के 425, कंटेनरों के 5076 और सामान्य माल के 50 रेकों सहित कुल 22.1 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया।

इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 21,157 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 10,561 ट्रेनें सौंपी गईं और 10,596 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इस अवधि के दौरान जम्बो के 1406 रेक, BOXN के 695 रेक और BTPN के 598 रेकों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आवक रेकों की अनलोडिंग पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के बावजूद सुनिश्चित की गई।

ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक लगभग 88 हजार टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 435 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई 28 करोड़ रुपये से अधिक रही है। इस अवधि के दौरान 66 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 50 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 8.60 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

इसी प्रकार, 31,000 टन से अधिक भार वाली 353 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 15.85 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इनके अलावा, 6956 टन भार वाले 16 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 3.55 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से 1अगस्त, 2020 को रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए चली ट्रेन के अलावा करम्बेली से न्यू गुवाहाटी के लिए चली एक इंडेंटेड रेक और पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए चली एक मिल्क स्पेशल ट्रेन शामिल हैं।

लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 1959 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 291 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1668 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 407.84 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 195.68 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 62.73 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। (एजेंसी, हि.स.)

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