img-fluid

दिल्ली धमाके में बड़ा खुलासा: लालकिले से पहले PM आवास के पास गया था डॉ. उमर, दो साथी अब भी फरार

November 16, 2025

नई दिल्ली. लालकिले (Red Fort) बम धमाके (bomb blasts) आरोपी डॉ. मोहम्मद उमर नबी (Dr. Mohammad Umar Nabi) के मन में धमाके से 24 घंटे तक तक क्या चल रहा था इसका सुरक्षा एजेंसियां (security agencies) पता लगा रही हैं। मगर ये साफ है कि वह नौ नवंबर की रात 11.30 बजे से अगले दिन यानि 10 नवंबर को लालकिले के सामने बम धमाका करने तक वह लगातार घूमता रहा। वह कहीं भी नहीं रूका। जांच एजेंसियां ये जांच कर रही हैं कि वह बम धमाके करने की जगह ढूंढ रहा था या फिर कोई वीआईपी व्यक्ति ऐतिहासिक इमारत व भीड़भाड़ वाले बाजार उसके निशाने पर थे। ये प्रधानमत्री आवास के पास भी गया था। कर्तव्य पथ भी गया था। यानी वह पूरी दिल्ली में घूमता रहा।

डॉ. उमर के दो साथी अब भी फरार
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लालकिला बम धमाका करने वाला आरोपी उमर नबी के दो साथी भी फरार हैं। हो सकता है कि ये दिल्ली-एनसीआर में पनाह लिए हों। जांच में जुटे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी नौ नवंबर की रात 11.30 केएमपुर व दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के मिलान यानि रिवासन टोल के पास से वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस पर चढ़ा था। यहां से फिरोजपुर झिरका गया। यहां ये हाइवे से उतरा, मगर ज्यादा आगे नहीं गया। इसके बाद ये वापस फरीदाबाद होते हुए बदरपुर पहुंचा। यहां से इसने दिल्ली में प्रवेश किया।

पहला रूट
आश्रम चौक-डीएनडी-मयूर विहार-नोएडा की ओर कुछ आगे तक, इसके बाद फिर आश्रम चौक आ गया।

दूसरा रूट
आश्रम चौक-नई दिल्ली- इंडिया गेट- अकबर रोड, तुगलक रोड, आईएनए मार्केट, फिर यहां से रिंग रोड़ होते हुए आश्रम चौक पहुंचा।

तीसरा रूट
आश्रम चौक से नई दिल्ली, कर्तव्य पथ-राष्ट्रपति भवन-धौला कुंआ-पंजाबी बाग-वजीरपुर-फिर नई दिल्ली। इसके बाद वह कनॉट प्लेस होते हुए लालकिला पहुंचा। वहां पार्किंग में रहा।

अल फलाह का मालिक तीन वर्ष जेल में रहा है
अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी (61) तीन वर्ष जेल में बंद रह चुका है। वह पहले चिट फंड का काम करता था। उसके बाद उसने लोगों को पैसे नहीं दिए थे। उसके खिलाफ 14 से 15 प्राथमिकी दर्ज हुई थीं। माना जा रहा है कि उसने इन पैसों से यूनिवर्सिटी को खड़ा करने में लगाया। हालांकि बाद में उसने सभी लोगों का पैसा लौटा दिया। वह सभी केसों से बरी हो गया था। साल 2000 दर्ज हुई एफआईआर (संख्या 43/2000) में सिद्दीकी और उनके भाई सऊद अहमद का नाम दर्ज किया गया था, जो नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 और 409 (आपराधिक न्यास का उल्लंघन), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज की गई थी। उन पर 7.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप था।

बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में किया हुआ है
मालिक जावेद ने इंदौर से बीटेक सिविल इंजीजिनयर में किया हुआ है। इसके बाद उसने वर्ष 1992 में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी करना शुरू किया। यहां इसने जनवरी, 1994 तक नौकरी की। इसकी दोनों बहनें दुबई में रहती हैं। दोनों बेटे भी दुबई में रहते हैं।

नौ कंपनियों से रहा है संबंध
जावेद अहमद सिद्दीकी, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष है, जो फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर चलाता है। फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का संबंध नौ कंपनियों से है, जिसका मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी है। सिद्दीकी इन नौ कंपनियों का डायरेक्टर है, जो कि इनवेस्टमेंट, शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, निर्यात और कंसल्टेंसी से जुड़ा है।

पहले भी बड़े कांड में फंस चुकी है यूनिवर्सिटी
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके जावेद अहमद सिद्दीकी, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष है। अल फलाह विश्वविद्यालय अब उस जांच के केंद्र में है, जिसमें रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए धमाके में शामिल उग्रवादी डॉक्टरों के मॉड्यूल का खुलासा हुआ है, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। इस साजिश से जुड़े तीन डॉक्टर उमर उन नबी, जो धमाके वाली कार चला रहा था, मुजम्मिल अहमद गनाई, जिसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया, और शाहीन शाहिद, जिसे 11 नवंबर को लखनऊ से पकड़ा गया अल-फलाह में पढ़ाता था।

जांच में खुल रही हैं कई परतें
रिकॉर्ड के अनुसार, सिद्दीकी का सबसे पुराना संबंध अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी से है, जिसमें वह 18 सितंबर 1992 को शामिल हुए थे। अन्य कंपनियों में अल-फलाह सॉफ्टवेयर, अल-फलाह एनर्जीज, तर्बिया एजुकेशन फाउंडेशन और अल-फलाह एजुकेशन सर्विस शामिल हैं, जिसमें वह हाल ही में (26 दिसंबर 2023 को) जुड़े। अधिकांश कंपनियों का रजिस्ट्रेशन का पता एक ही है- 274-A, अल-फलाह हाउस, जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली। यही वही बिल्डिंग है, जहां से अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट संचालित होता है।

एक इंजीनियरिंग कॉलेज के तौर पर शुरू हुई यूनिवर्सिटी
विश्वविद्यालय की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। ट्रस्ट और कंपनियों में उस्मा अख्तर का नाम भी शामिल है, जो अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की गवर्निंग बॉडी की सदस्य रह चुकी हैं। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहती हैं और वहां कई व्यवसायों से जुड़ी हैं। उनका नाम अल-फलाह एजुकेशन सर्विस और एमजेएच डेवलपर्स जैसी कंपनियों में निदेशक के रूप में दर्ज है। आलिया सिद्दीकी का नाम भी न्यासियों की सूची में है।

Share:

  • आतंकवाद के संदिग्ध: NIA ने बंगाल से MBBS छात्र को हिरासत में लिया, जांच जारी

    Sun Nov 16 , 2025
    नई दिल्‍ली । पश्चिम बंगाल(West Bengal) के उत्तर दिनाजपुर(North Dinajpur) जिले में आतंकवादी संगठनों(terrorist organizations) से संबंधों को लेकर MBBS छात्र (MBBS students)हिरासत में लिया गया था। राष्ट्रीय जांज एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के बाद अब उसे छोड़ दिया है। सीनियर अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान जानिसुर आलम उर्फ निसार आलम के रूप […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved