
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल (West Bengal) के भूस्खलन (landslide) प्रभावित जिले में भाजपा (BJP) के दो नेताओं पर हुए हमले के बाद राज्य की राजनीति तेज हो गई है। मामला यहां तक बढ़ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने राज्य की तृणमूल सरकार की आलोचना की है। पीएम मोदी की इसी आलोचना का जवाब देते हुए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उनके ऊपर प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि यह पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब घटना स्थल का दौरा करने के लिए भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी से भाजपा विधायक शंकर घोष के ऊपर भीड़ ने हमला कर दिया था। इसके बाद दोनों नेताओं ने वीडियो जारी कर अपने साथ हुई हिंसा की जानकारी दी थी।
इस घटनाक्रम के बाद पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने तो इसका विरोध किया ही। पीएम मोदी ने भी राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा, “पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित लोगों की सेवा करने वाले हमारे पार्टी सहयोगियों, जिनमें एक मौजूदा सांसद और विधायक भी शामिल हैं पर जिस तरह से हमला किया गया, वह बेहद भयावह है। यह टीएमसी की असंवेदनशीलता और राज्य में कानून-व्यवस्था की बेहद दयनीय स्थिति को उजागर करता है।”
ममता ने साधा निशाना
प्रधानमंत्री के पोस्ट पर बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक विस्तृत बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उचित जांच का इंतजार किए बिना एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का फैसला किया है, खासकर तब जब उत्तर बंगाल में लोग विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद की स्थिति से जूझ रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रशासन और पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे, तब भाजपा नेताओं ने “बड़ी संख्या में कारों के काफिले के साथ और केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में प्रभावित क्षेत्रों में जाने का फैसला किया” और वह भी “स्थानीय पुलिस और प्रशासन को कोई सूचना दिए बिना।”
बिना किसी जांच सबूत के आरोप लगा रहे पीएम: ममता बनर्जी
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बिना किसी प्रमाणित सबूत, कानूनी जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट के सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल सरकार को दोषी ठहराया है। यह सिर्फ एक राजनीतिक पतन नहीं है, यह उन संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है, जिनकी रक्षा की शपथ प्रधानमंत्री ने ली है। किसी भी लोकतंत्र में, कानून को अपना काम करना चाहिए, और केवल उचित प्रक्रिया ही दोषसिद्धि का निर्धारण कर सकती है। किसी राजनीतिक मंच से किया गया ट्वीट नहीं।’’
भाजपा पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “यह भी स्पष्ट है कि भाजपा चुनाव से पहले लोगों का ध्रुवीकरण करने की उम्मीद में उत्तर बंगाल बनाम दक्षिण बंगाल की घिसी-पिटी कहानी का सहारा ले रही है। हमें स्पष्ट कर देना चाहिए: बंगाल एक है – भावनात्मक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से।” उन्होंने मोदी से अपील करते हुए कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करती हूं कि आप निर्वाचित राज्य सरकार की बात सुनें, न कि केवल अपने पार्टी सहयोगियों की। आप भारत के प्रधानमंत्री हैं, न कि केवल भाजपा के। आपकी जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण की है न कि विमर्श गढ़ने की।’’
इससे पहले भाजपा नेताओं ने अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी वीडियो साझा करके दी। शंकर घोष द्वारा शेयर किए गए वीडियो में सांसद मूर्मू घायल दिखाई दे रहे हैं और उनके चेहरे से खून निकलता दिखाई दे रहा है। इस वीडियो में घोष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े स्थानीय लोगों ने दोनों को लात-घूंसे मारे और पत्थर फेंके।
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