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राममंदिर में सुबह से गूंजेगी मंगलध्वनि, 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त, यहां जानिए अयोध्या में कल कब क्या होगा

अयोध्या: अयोध्या के राम मंदिर (Ram temple of Ayodhya) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Ramlala’s life consecration program) की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पूरी अयोध्या नगरी (Ayodhya city) को आध्यात्मिक रंग देकर सजाया गया है. अयोध्या नगरी पूरी तरह से सजधज कर तैयार है. रामलला प्राण महोत्सव में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकप्रिय क्रिकेटर, उद्योगपति, संत, मशहूर हस्तियां और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों न्योता दिया गया है. भारत सहित अमेरिका, यूके सहित विभिन्न देशों में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जश्न और उत्सव मनाए जाएंगे.

22 जनवरी को राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम विधि-अनुष्ठान निर्धारित किए गए हैं. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह सुबह 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन से शुरू होगा. देश के विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग दो घंटे मनोरम धुन बिखरेंगे.

22 जनवरी, सोमवार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी की तिथि है. कुर्म द्वादशी व्रत भगवान विष्णु को अर्पित है. विष्णु पुराण में कहा गया है कि इसी तिथि कूर्म द्वादशी को भगवान विष्णु ने कूर्म यानि कछुआ का अवतार ग्रहण किया था और समुद्र मंथन में मदद की थी. इसके लिए भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार धारण किया और अपनी पीठ पर मंदार पर्वत रखकर समुद्र मंथन किया था. कच्छप रूप को स्थायित्व का प्रतीक है. कुर्म द्वादशी के दिन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से मंदिर को स्थायित्व प्रदान करेगा और युगों-युगों तक इसका यश रहेगा. उसी तरह से मृगषिरा या मृगशीर्ष नक्षत्र में रामलला की स्थापना की जा रही है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इस मुहूर्त में करने से राष्ट्र का कल्याण का प्रतीक है.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में एंट्री करनी होगी. श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से बताया गया है कि उसके द्वारा जारी निमंत्रण पत्र से ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा ले पाएंगे. केवल निमंत्रण पत्र से गेस्ट प्रवेश नहीं कर पाएंगे. निमंत्रण कार्ड पर बने क्यूआर कोड के मिलान के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी.


रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि सोमवार दोपहर 12:20 बजे से शुरू होगी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में होगी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा निर्धारित की गई है. प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि (22 जनवरी 2024) को अभिजीत मुहूर्त, मेष लग्न, इंद्र योग, वृश्चिक नवांश एवं मृगशिरा नक्षत्र में हो रहा है.

शुभ मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट एवं 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट एवं 32 सेकंड तक का रहेगा. प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त मात्र 84 सेकंड का होगा. यह प्राण प्रतिष्ठान अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ एवं आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य द्वारा कराए जाएंगे. इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य एवं 50 से अधिक गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, आदिवासी, जनजातीय भी उपस्थित रहेंगे.

प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक समाप्त हो जाएगा. सभी पूजा-विधि समाप्त होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे. वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी इस अवसर पर अपना वक्तव्य रखेंगे. पीएम मोदी का सोमवार को चार घंटे अयोध्या में रहने का कार्यक्रम है. उनके सुबह 10:25 बजे अयोध्या एयरपोर्ट एवं 10:55 पर राम जन्मभूमि पहुंचने के बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे और एक बजे संबोधित करेंगे. 2:10 पर कुबेर टीला का दर्शन कर दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे.

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर दीपावली जैसा समारोह का पापन होगा. अयोध्या में सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी पर 5 लाख दिये प्रज्जवलित किये जाने के कार्यक्रम हैं. इसके साथ ही दुकानों, प्रतिष्ठानों, मकानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित किए जाएंगे. अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशनी की जाएगी. रामलला, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, कनक भवन, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाए जाएंगे. मंदिर में दर्शन सुबह 7 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक होते हैं.

प्राण प्रतिष्ठा के बाद, मंदिर के द्वार भक्तों के लिए आरती समारोह में भाग लेने के लिए खुलेंगे. मंदिर में तीन अलग-अलग प्रकार की आरती की जाएगी और उपस्थिति के लिए पास निःशुल्क जारी किए जाएंगे. प्रत्येक आरती की क्षमता सीमित होगी, जिससे केवल तीस व्यक्ति ही आध्यात्मिक अनुभव में भाग ले सकेंगे. प्रतिदिन तीन आरती क्रमशः सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.00 बजे और शाम 7.30 बजे की जाएंगी. आरती समारोह के लिए पास की आवश्यकता है.

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