
कोहिमा। मणिपुर (Manipur) के राज्यपाल (Governor) अजय कुमार भल्ला (Ajay Kumar Bhalla ) ने सोमवार को नगालैंड (Nagaland) के 22वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें यह अतिरिक्त प्रभार राज्यपाल ला गणेशन के निधन के बाद दिया गया। शपथ ग्रहण समारोह कोहिमा स्थित राजभवन में आयोजित हुआ, जहां गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अशुतोष कुमार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, उपमुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग और वाई. पैटन, राज्य के मंत्री, विधायक, वरिष्ठ नौकरशाह और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। शपथ लेने के बाद भल्ला ने मुख्यमंत्री रियो और राज्य मंत्रिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने समारोह के हिस्से के रूप में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम नगालैंड के मुख्य सचिव सेंतियेंगर इमचेन की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इसके बाद राजभवन में स्वागत समारोह हुआ जिसमें राजनीतिक नेताओं, जनजातीय संगठनों, चर्च प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने नए राज्यपाल को शुभकामनाएं दीं। यह अवसर नगालैंड की राजनीतिक और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बना।
हालांकि इस समारोह से पांच प्रमुख जनजातियों के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे। आरक्षण नीति की समीक्षा समिति के सदस्य आओ, अंगामी, लोथा, रेंगमा और सुमी जनजातियों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। वे चार दशक पुरानी आरक्षण नीति में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इन जनजातियों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का भी बहिष्कार किया था।
सरकार ने आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक आयोग के गठन की घोषणा की है, लेकिन समिति ने इसे ठुकरा दिया। उनका कहना है कि इस आयोग में जनजातीय संगठनों और सिविल सोसायटी को भी शामिल किया जाना चाहिए। समिति ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे किसी भी सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। यह मुद्दा आने वाले समय में नगालैंड की राजनीति और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
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