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बाल्टीमोर हादसे को लेकर जताई जा रहीं कई आशंकाएं, कोई कह रहा साइबर हमला तो कोई विश्व युद्ध

बाल्टीमोर। बाल्टीमोर में हुए हादसे के बाद से सोशल मीडिया पर आशंकाओं की बाढ़ सी आ गई है। कोई इस हादसे को साइबर अटैक बता रहा है, कोई इसे इजराइल की नाराजगी से जोड़ रहा है तो कोई इसे तीसरे विश्व युद्ध का आगाज बता रहा है। मामले से जुड़े अधिकारी कह रहे हैं कि सोशल मीडिया पर आ रही ऐसी किसी भी टिप्पणी पर भरोसा ना करें।

आतंकवाद से लेकर इजराइल को दोषी ठहरा रहे लोग
कुछ लोगों ने आशंका जताई है कि बाल्टीमोर में पुल ढहने की घटना एक जानबूझकर किया गया हमला है। सोशल मीडिया पर जैसे ही यह पोस्ट आई तो अधिकारियों को भी जवाब देना पड़ा। उन्होंने तुरंत कहा कि इस बात का कोई भी सबूत नहीं है। एक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों ने इस हादसे के लिए आतंकवादियों से लेकर इजराइल तक को दोषी ठहराया।

साइबर अटैक की आशंका
एंड्रयू टेट नाम के एक प्रभावशाली व्यक्ति ने एक्स पर अपने 90 लाख फॉलोवर्स को बताया कि माल वाहक जहाज पर साइबर हमला किया गया था। उनका कहना है कि अचानक रोशनी बंद हो जाती है और इसके बाद जहाज जानबूझकर पुल की तरफ बढ़ता है। आगे लिखा गया कि विदेशी एजेंट अमेरिका के डिजिटल बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं। कुछ भी सुरक्षित नहीं है।


इन्फोवार्स के संस्थापक एलेक्स जोन्स द्वारा भी एक एक्स पर बताया गया कि यह साइबर हमला हो सकता है क्योंकि यह सब कुछ जान बूझकर किया हुआ लगता है। बता दें कि इससे पहले 2012 में जोन्स ने एक स्कूल पर हुए हमले को धोखा बताया था। इस मामले में उन पर मानहानि के कई मुकदमे चले।

आतंकवाद का कोई सबूत नहीं- मैरीलैंड गवर्नर
मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि फुटेज में दिख रहा है कि टक्कर से पहले जहाज में दो बार अंधेरेा हो गया था। चालकों द्वारा अधिकारियों को बिजली की समस्या के बारे में सूचित किया गया था। मूर का कहना है कि आतंकवादी हमले का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं देखा गया है।

बाल्टीमोर के पुलिस आयुक्त रिचर्ड वर्ली ने इसके जवाब में कहा है कि पुल क्यों ढहा, इस बात के कारणों की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में आतंकवाद से जुड़ा कोई भी संकेत नहीं मिला है।

हादसे को गाजा, इजराइल से जोड़ रहे हैं लोग
उधर एक्स पर तरह तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। कुछ लोग इस त्रासदी को गाजा से जोड़ रहे हैं। उनके मुताबिक गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मतदान में संयुक्त राज्य अमेरिका अनुपस्थित रहा। एक पोस्ट में सवाल पूछा गया है कि क्या इज़राइल ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल न करने पर अमेरिका पर हमला किया? कई लोगों ने पुल ढहने की घटना को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से भी जोड़ दिया।

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