इस्लामाबाद । पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन की नेता मरयम नवाज़ ने संकेत दिया कि वह देश में राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए सेना से बातचीत करने को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत बंद दरवाजे में नहीं, बल्कि लोगों के सामने होनी चाहिए।
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरयम ने कहा कि कोई भी बातचीत इमरान खान सरकार को हटाने के बाद ही होगी। बीबीसी उर्दू को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ” हम (फौज के साथ) बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन यह बातचीत संवैधानिक रूपरेखा में होगी, साथ में यह भी कहा कि ऐसी वार्ता लोगों के सामने होगी। हम छिपकर वार्ता नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएम) के आंदोलन को कुचलने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। जिसमें कि पिछले माह पीडीएम नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज के पति कैप्टन सफदर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि कुछ घंटे में उन्हें रिहा भी करना पड़ा। क्योंकि, गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार नहीं था।
कराची में पति की गिरफ्तारी और फिर रिहाई से मरियम का गुस्सा सातवें आसमान पर था। उन्होंने कहा- मेरे परिवार और करीबियों को परेशान करके मुझे ब्लैकमेल करने की साजिश की जा रही है। अगर इमरान खान सरकार और उनके रहनुमाओं में हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाएं। करो मुझे गिरफ्तार ताकि तुम्हारा असली चेहरा दुनिया के सामने आ सके। हम कमजोर नहीं हैं, जो सरकार और उनको बचा रहे लोगों के सामने झुक जाएं। हर हरकत का माकूल जवाब हम और हमारे साथ अवाम देने के लिए तैयार है।
मरियाम के पति सफदर पाकिस्तानी वायुसेना में पायलट रह चुके हैं। उनकी गिरफ्तार केंद्रीय जांच एजेंसी ने कराची से की। खास बात ये है कि कराची सिंध प्रांत का हिस्सा है और यहां बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी की सरकार है। लेकिन, जांच एजेंसियों ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी। बिलावल ने कहा- यह साजिश है। अगर उनमें हिम्मत है तो हमें गिरफ्तार करें। इस दौरान बिलावल के साथ मौलाना पीडीएम के मुखिया मौलाना फजल उर रहमान भी थे।
पहले गुजरांवाला और फिर कराची में विपक्ष की रैलियों के बाद सिर्फ इमरान सरकार ही नहीं बल्कि फौज पर भी काफी दबाव है। दरअसल, पीडीएम के नेता इमरान को सत्ता में लाने और फिर बचाने के लिए सीधे तौर आर्मी और इसके प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर निशाना साध रहे हैं। और ये पाकिस्तान के सियासी इतिहास में पहली बार हो रहा है जब फौज को रैलियों के जरिए सीधा तौर पर सियासत में घसीटा जा रहा है। मरियम ने साफ तौर पर कहा- मेरे पति को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। वे भी फौजी हैं। उनका सियासत से कोई ताल्लुक नहीं। इमरान की सिलेक्टेड सरकार मुझे गिरफ्तार करके दिखाए। बेकसूरों को क्यों परेशान कर रहे हैं। ऐसे में अब उन्होंने फौज के उच्च अधिकारियों के साथ देश में सरकार बदलने को लेकर बातचीत करने की बात कही है ।
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