
इंदौर। तीन बच्चों को मौत (Death) की नींद सुलाने वाली सांवेर क्षेत्र की धनखेड़ी पहाड़ी (Dhankhedi Hill) पर खनिज माफिया ब्लास्ट करवाकर जमीन खोखली कर गिट्टी-मुरम (ballast) निकलवा रहा है। जिला प्रशासन व खनिज विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए खनिज माफिया के खिलाफ पंचनामा बनाया।
सूत्रों के अनुसार ग्राम धनखेड़ी की पहाड़ी पर खनिज माफिया दर्शनसिंह निवासी जाख्या द्वारा उत्खनन करने के लिए ब्लास्ट किया जा रहा है। तहसीलदार तपिश पांडे व खनिज अधिकारी आलोक अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों ने कल छापामार कार्रवाई की तो हडक़ंप मच गया। उल्लेखनीय है कि इसी पहाड़ी के गड्ढों में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया था। एसडीएम रविश श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को काफी देर तक समझाइश दी थी, जिसके बाद उनका गुस्सा शांत हुआ था।
ब्लास्ट इतना तेज कि आसपास के घरों की दीवार तक हिल जाती है
जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ कि पहाड़ी पर कई जगह गड्ढे किए गए हैं, जिनकी लंबाई 309 मीटर व चौड़ाई अलग-अलग स्थानों पर 50 मीटर, 60 मीटर और 65 मीटर है। इसी प्रकार गहराई 8 से लेकर 10 मीटर तक है। प्रशासनिक अफसरों को देखकर बड़ी संख्या में गांव के लोग मौके पर पहुंच गए और अधिकारियों से कहने लगे कि पहाड़ी पर दिन और रात में ब्लास्ट इतना तेज होता है कि आसपास के गांवों के घरों के दीवार तक हिल जाती है। यहां तक कि एक मकान भी गिर चुका है। कई बार खनिज माफिया दर्शनसिंह को रोकने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उसके कर्मचारी धमकी देते रहते हैं।
5 वर्षों से उत्खनन का खेल जारी
लगभग 5 वर्षों से यहां अवैध उत्खनन किया जा रहा है। प्रतिदिन 12 से 15 गाडिय़ां आती-जाती रहती हैं और गिट्टी-मुरम लेकर निकलती हंै। ज्यादा ओवरलोड गाडिय़ों के आने-जाने से गांव का रास्ता भी खराब हो गया है। हाल ही में एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से गड्ढे में गिर गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया और उसकी रीढ़ की हड्डी भी टूट गई है। प्रशासनिक अफसरों ने गांव के वीरेंद्र पिता गुलाब, उमेश चौहान, शिवम चौहान, सुभाष डाबी, ओंकारसिंह तथा सीताराम परमार सहित अन्य की मौजूदगी में पंचनामा बनाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार लॉटरी लगने और जॉब दिलवाने के नाम पर ऑन लाइन होने वाली ठगी के पीछे दिल्ली और एनसीआर के गिरोह सक्रिय है। इसके अलावा यूपी के कुछ शहरों में भी यह गिरोह सक्रिय है। ये लोग भी छोटे मोटे काम करने वालों को लालच देकर उनके नाम से सिम ले लेते है और इसका उपयोग ठगी के लिए करते है। कुछ मामलों में इंदौर की टीम ने आरोपियों को पकड़ा भी। लेकिन छोटे काम करने वाले पकड़े गए। जबकि प्रमुख ठग पुलिस के हाथ नहीं आए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved