
नई दिल्ली । मोदी सरकार (Modi government) ने विंडफॉल टैक्स (windfall tax) में रिवीजन किया है। सरकार ने डीजल के निर्यात (diesel export) पर दर को कम करते हुए घरेलू स्तर उत्पादित कच्चे तेल (Crude oil) पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है। यह परिवर्तन आज यानी 17 नवंबर से प्रभावी है।
क्रूड ऑयल प्रोडक्शन पर यह टैक्स 700 रुपये प्रति टन बढ़ाया गया है। अब यह 9500 रुपये से बढ़कर 10200 रुपये प्रति टन हो गया है। वहीं, डीजल एक्सपोर्ट ड्यूटी में 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है। पहले एक लीटर डीजल निर्यात पर 13.50 रुपये की ड्यूटी लगती थी,। इसे घटाकर अब 10.50 रुपये कर दिया गया है। जबकि, पेट्रोल के निर्यात पर जीरो ड्यूटी बरकरार है। एटीएफ पर भी इसे 5 रुपये प्रति लीटर बरकरार रखा गया है।
क्या है विंडफाल टैक्स
विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में लगाए गए विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों द्वारा अर्जित अत्यधिक लाभ को अब्जार्ब करना है और इसे हर 15 दिन पर संशोधित किया जाता है। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पब्लिक सेक्टर की कंपनी ओएनजीस जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स 9500 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10200 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर ‘रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस’ शामिल है।
1 जुलाई को लागू किया गया था विंडफॉल टैक्स
सबसे पहले 1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी। इसके अलावा, कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23250 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।
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