
नई दिल्ली। अभी तक पूरी दुनिया जिस चीज़ का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है ,वो है कोरोना से निज़ाद पाने की वैक्सीन और इससे जुड़े कितने ही ऐसे सवाल है जिनके जवाब अभी भी अधूरे है जैसे क्या ये वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना नहीं होगा? या फिर एक व्यक्ति को कितने डोज़ लगाने होंगे ? माना जा रहा है कि शुरूवाती दौर में सरकार का 18000 करोड़ खर्च करने का प्लान है और ये भी कहा जा रहा है कि इसके एक डोज़ का अनुमानित खर्च 210 रुपये है।चुकि इतना बड़ा देश है और जनसंख्या भी अधिक है तो इसके लिए सरकार पोलिंग बूथ जैसे ही वैक्सीन के लिए बूथ बनाने की प्लानिंग कर रही है जैसे चुनाव के दौरान टीम बनायी जाती है ठीक वैसे ही इसके लिए टीम बनायी जाएगी साथ ही लोकल लेवल पर सरकारी व निजी डॉक्टरो की मदद ली जाएगी और उन्हें इसकी ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही और भी वैक्सीन निर्माता मौजूद है। हमारी सरकार अरबों की संख्या में लोगों तक कोविड की वैक्सीन पहुँचाने की इच्छा रखती है और इसी कारण हमारे यहाँ अगले साल जुलाई तक 50 करोड़ डोज़ बनाने और 25 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान पहले भी चलाए गए है इसलिए इस बार भी समस्या उतनी नहीं आएगी क्यूँकि हमारे पास अनुभव है।
सूत्रों की माने तो तीसरे चरण के सफल परीक्षण के बाद अब वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा और अगले साल के अंत तक पूरी तरह से सभी को वैक्सीन लग जाए ऐसी कोशिश भी की जाएगी।
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