
नई दिल्ली । शेख हसीना(Sheikh Hasina) को फांसी की सजा पर बांग्लादेश (Bangladesh)सरकार के मुख्य सलाहकार(Chief Advisor) मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus)का बयान आया है। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश की अदालतों ने बहुत स्पष्टता के साथ वह बात कही है, जो देश और बाहर गूंज रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सजा और दोषसिद्धी से साबित हो गया है कि कोई कितना भी ताकतवर हो, कानून से ऊपर नहीं जा सकता। यूनुस ने आगे कहा कि यह फैसला उन लोगों के लिए जिन्होंने 2024 के जुलाई-अगस्त महीने के संघर्ष में नुकसान उठाया। आज भी तकलीफ में जी रहे इन लोगों के लिए यह फैसला न्याय देने वाला है।
ढाका में अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाल रहे मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बरसों तक दबाव में रहे लोकतंत्र को हम फिर से जिंदा करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय युवाओं और बच्चों की आवाज दबाई गई। इससे सरकार और आम लोगों के बीच के संबंधों पर असर पड़ा। साथ ही इसने बांग्लादेशियों की गरिमा, सहनशीलता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को भी खतरे में डाला।
मोहम्मद यूनुस ने अपने बयान में 1400 लोगों की मौत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब बांग्लादेश वैश्विक जिम्मेदारियों के प्रति जागृत हो रहा है। बदलाव के लिए खड़े होने वाले छात्र और नागरिक इस बात को समझ सकते हैं। तमाम लोगों ने इसी दिन के लिए अपनी जान दी थी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि भविष्य में बांग्लादेश सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। इसके लिए हम कानून, मानवाधिकार और न्याय का रास्ता अपनाते हुए आगे बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले वर्ष जुलाई में उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दौरान किए गए मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए सोमवार को एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई गई।
महीनों तक चले मुकदमे के बाद अपने फैसले में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने 78 वर्षीय अवामी लीग नेता को हिंसक दमन का “मास्टरमाइंड और प्रमुख सूत्रधार” बताया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। इसी प्रकार के आरोपों में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
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