
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया। हर व्यवस्था बदल गई। इन तीन दशकों में हमारे जीवन का शायद ही कोई पक्ष हो जो पहले जैसा हो, लेकिन वो मार्ग, जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही थी। पीएम ने कहा, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है, लेकिन ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को 21वीं सदी के स्कूली शिक्षा के विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पीएम ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) पर भी चर्चा की।
पीएम ने कहा, ‘अब तो काम की असली शुरुआत हुई है। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है और ये काम हम सब मिलकर करेंगे। मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के इस अभियान में हमारे प्रिंसिपल्स और शिक्षक पूरे उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। पीएम ने कहा, ‘कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में देश भर के शिक्षकों से MyGov पर उनके सुझाव मांगे थे। एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। ये सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद करेंगे।
नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि बच्चों में गणितीय सोच और वैज्ञानिक टेम्परमेंट विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है और गणितीय सोच का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे मैथ्स के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें, बल्कि ये सोचने का एक तरीका है।
पीएम ने कहा कि हमें आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा। हमारे ये प्रयोग, नए समय की शिक्षा का मूलमंत्र होना चाहिए- एंगेज, एक्सप्लोर, एक्सपीरिएंस, एक्सप्रेस और एक्सेल। पीएम ने कहा कि हमारे देश भर में हर क्षेत्र की अपनी कुछ न कुछ खूबी है, कोई न कोई पारंपरिक कला, कारीगरी, products हर जगह के मशहूर हैं। स्टूडेंट्स उन करघों, हथकरघों में जाएं देखें आखिर ये कपड़े बनते कैसे हैं? स्कूल में भी ऐसे स्किल्ड लोगों को बुलाया जा सकता है।
NEP को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि सिलेबस कम हो- PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि कितने ही प्रोफेशन हैं जिनके लिए बहुत स्किल की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते। अगर छात्र इन्हें देखेंगे तो एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव होगा, उनकी इज्जत करेंगे। हो सकता है बड़े होकर इनमें से कई बच्चे ऐसे ही उद्योगों से जुड़ें, उन्हें आगे बढ़ाएं।
NEP 2020 की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि NEP को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि सिलेबस को कम किया जा सके और फंडामेंटल चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी पहले की जो शिक्षा नीति रही है, उसने हमारे छात्रों को बहुत बांध भी दिया था, जो विद्यार्थी साइंस लेता है वो आर्ट्स या कॉमर्स नहीं पढ़ सकता था। आर्ट्स-कॉमर्स वालों के लिए मान लिया गया कि ये इतिहास, भूगोल और अकाउंट्स इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि ये साइंस नहीं पढ़ सकते।
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