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संजय कपूर की 30000 करोड़ की संपत्ति को लेकर पारिवारिक झगड़े में आया नया ट्विस्ट, मां न डायरेक्टर, न शेयरहोल्डर

July 26, 2025

नई दिल्‍ली । अभिनेत्री करिश्मा कपूर (Actress Karisma Kapoor) के पूर्व पति और दिवंगत मशहूर व्यवसायी संजय कपूर (sanjay kapoor) की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति (Property) पर छिड़े पारिवारिक झगड़े में अब नया ट्विस्ट आ गया है। शुक्रवार को संजय कपूर की मां रानी कपूर ने नाटकीय घटनाक्रम में इस परिवार के स्वामित्व वाली सोना कॉमस्टार कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) से पहले दावा किया था कि सोना समूह में उसके पास बहुसंख्यक शेयर है और वह उसकी धारक हैं लेकिन कंपनी ने अब कहा है कि रानी कपूर ना तो कंपनी में डायरेक्टर हैं और न ही उनके पास कंपनी का कोई शेयर है।

समूह की प्रमुख कंपनी, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड ने शुक्रवार की शाम कहा कि पूर्व अध्यक्ष संजय कपूर की मां रानी कपूर कंपनी में एक भी शेयर की शेयरहोल्डर नहीं हैं, और 2019 से ही वह कंपनी के बोर्ड की सदस्य नहीं हैं।

रानी कपूर ने AGM सस्पेंड करने के लिए लिखी थी चिट्ठी
शुक्रवार की दोपहर 1 बजे से AGM की बुलाई गई बैठक से कुछ घंटे पहले रानी कपूर ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को पत्र लिखकर खुद को बहुसंख्यक शेयरहोल्डर बताया था और वार्षिक आम बैठक को स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया कि जब वह बेटे की मौत के शोक में डूबी थीं, तभी उन्हें कागजातों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने बोर्ड में कुछ लोगों (जैसे, बहू प्रिया सचदेव कपूर) को नियुक्त करने के फैसले पर भी सवाल उठाया था। रानी कपूर ने अपनी चिट्ठी कंपनी के बोर्ड, शेयरहोल्डर्स और सेबी को भी भेजा था, इसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई थी।


रानी कपूर 2019 से ही शेयरहोल्डर नहीं
अब कंपनी ने एक बाजार नियामक सेबी को एक फाइलिंग के जरिए सूचित किया है कि मई 2019 में महत्वपूर्ण लाभकारी स्वामित्व की घोषणा के मुताबिक संजय कपूर को “एकमात्र लाभकारी स्वामी…” के रूप में रिकॉग्नाइज किया गया था। इसके आधार पर कंपनी ने कहा है कि रानी कपूर 2019 से ही शेयरहोल्डर नहीं हैं।

प्रिया सचदेव कपूर की नियुक्ति सही करार
प्रिया सचदेव कपूर की नॉन एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति के बारे में कंपनी ने सेबी को सौंपे दस्तावेज में कहा है कि उनका नाम प्रस्तावित किया गया था और उनकी नियुक्ति की “विधिवत समीक्षा की गई और उसे बोर्ड द्वारा अप्रूव किया गया था। था। रानी कपूर के इस दावे पर कि उन्हें “बंद दरवाजों के पीछे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया”, कंपनी बोर्ड ने ज़ोर देकर कहा कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद से रानी कपूर से न तो कोई दस्तावेज पर दस्तखत लिए गए हैं और न ही उनसे कोई कागजात प्राप्त किया गया है।

बता दें कि गुरुवार देर रात रानी कपूर ने एक ईमेल भेजकर एजीएम स्थगित करने का अनुरोध किया था, इसके बाद पारिवारिक विवाद शुरू हुआ। बोर्ड ने कहा कि रानी कपूर का सम्मान करते हुए कंपनी ने आगे बढ़ने के तरीके पर कानूनी सलाह ली है।

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