
नई दिल्ली । कर्नाटक(Karnataka) के दक्षिण कन्नड़ जिले(South Kanara district) के बंगलगुद्दा क्षेत्र (Bangalguda area)में धर्मस्थल सामूहिक दफन(religious site mass burial) मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (Special Investigation Team) को गुरुवार को दो और खोपड़ियां मिली हैं। इसके साथ ही अब तक सात मानव खोपड़ियां बरामद हो चुकी हैं। ये खोपड़ियां मुख्य रूप से मध्यम आयु के पुरुषों की बताई जा रही हैं और ये अवशेष लगभग एक वर्ष पुराने हो सकते हैं। फोरेंसिक जांच से इसकी और पुष्टि होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया है कि ये अवशेष संभवतः आत्महत्या के मामलों से जुड़े हो सकते हैं। विशेष जांच दल धर्मस्थल में कथित तौर पर सैकड़ों लोगों की हत्या और अवैध दफनाने के मामलों की जांच कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी ने बुधवार को पांच खोपड़ियां बरामद की थीं, जबकि गुरुवार को दो और मिलीं हैं। एंटी-नक्सल फोर्स के कर्मियों के साथ पुलिस और वन अधिकारियों की संयुक्त टीम ने लगभग 12 एकड़ में फैले जंगली क्षेत्र को खंगाला है। खोज अभियान के दौरान अन्य मानव अवशेषों के अलावा एक लाठी भी मिली। एसआईटी सूत्रों ने बताया कि ये खोजें बंगलगुद्दा रिजर्व फॉरेस्ट के घने इलाके में की गईं, जहां पहले भी संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें मिली थीं।
सनसनीखेज आरोपों से शुरू हुई जांच
धर्मस्थल सामूहिक दफन मामला जुलाई 2025 में तब सुर्खियों में आया जब एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि 1995 से 2014 के बीच उसे मंदिर शहर के आसपास 100 से अधिक शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। शिकायतकर्ता की पहचान सी.एन. चिन्नय्या के रूप में हुई। उसने आरोप लगाया कि ये शव मुख्य रूप से महिलाओं और नाबालिगों के थे, जिनमें यौन हिंसा के निशान थे। चिन्नय्या ने अदालत में कुछ कंकाल अवशेष भी पेश किए थे।
इसके बाद कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई को डीजीपी प्रणब मोहंती के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। जांच के दौरान 17 स्थलों पर खुदाई हुई, लेकिन अधिकांश जगहों पर कोई प्रमुख अवशेष नहीं मिले। अगस्त में चिन्नय्या को झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एक अन्य ट्विस्ट में, एक महिला ने अपनी बेटी के लापता होने का दावा वापस ले लिया, जो कथित तौर पर काल्पनिक था।
चिन्नय्या की अदालती पेशी और हाईकोर्ट का निर्देश
गुरुवार को चिन्नय्या को बेलथंगड़ी अदालत में पेश किया गया, जहां उसका बयान दर्ज किया गया। वह अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर को फिर अदालत में पेश होगा। इस बीच, कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे धर्मस्थल में कथित शव दफन के बारे में कोई स्वतंत्र जानकारी रिकॉर्ड पर रखें। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने सुनवाई को 26 सितंबर तक स्थगित कर दिया।
एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया, “ये खोपड़ियां हाल की लग रही हैं और पुरुषों की हैं। फोरेंसिक परीक्षण से मौत का कारण और समय स्पष्ट होगा। हम आत्महत्या या अन्य प्राकृतिक कारणों की संभावना तलाश रहे हैं।” राजनीतिक हलकों में भी यह मामला गरमाया हुआ है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर मंदिर शहर की छवि खराब करने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस इसे साजिश बता रही है।
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