
नई दिल्ली. अहमदाबाद (Ahmedabad) में एअर इंडिया (Air India) का विमान हादसे (Plane accidents) का शिकार क्यों हुआ? वो कौन सी वजहें रहीं, जिससे अहमदाबाद से भरी गई उड़ान पूरी नहीं हो सकी? इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.
इस बीच DGCA ने एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर 787-8/9 फ्लीट की जांच के आदेश जारी दिए हैं. एक ओर विमान हादसे की जांच शुरू हुई है, तो दूसरी ओर हादसे में पीड़ित हर परिवार को लेकर पूरे देश की संवेदनाएं हैं. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहमदाबाद जाकर हादसे का रिव्यू किया. वो घायलों से मिलने भी गए. प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि अहमदाबाद की ट्रैजडी से हम सब टूट चुके हैं, लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं.
क्या ये हैं हादसे की वजहें?
सवाल ये है कि दुनिया का सबसे सुरक्षित कहा जाने वाला ड्रीमलाइनर बोइंग 787-8 अहमदाबाद से अपनी उड़ान के कुछ सेकेंड्स में गिरा तो क्यों? क्या विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल हो गए? क्या इंजन में तेल नहीं पहुंचा? क्या इलेक्ट्रिकल खामी आ गई? क्या पक्षी टकरा गया? क्या अत्यधिक गर्मी और ज्यादा वजन जैसे कारण भी हो सकते हैं?
तीन एजेंसियां कर रहीं जांच
भारत के एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो ने विमान हादसे की जांच शुरू की है. अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन का एयर एक्सिडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच जांच में मदद कर रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग की है. प्रधानमंत्री मोदी आज क्रैश साइट, अहमदाबाद के सिविल अस्पताल और हादसे में जान गंवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के घर भी पहुंचे थे. एअर इंडिया के फ्लाइट AI-171 के इकलौते जिंदा बचे सवार विश्वास कुमार रमेश से भी प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई है.
DNA सैंपल से शवों की पहचान
अब तक 265 शव सिविल अस्पताल लाए गए हैं यानी 241 विमान सवार लोगों के अलावा कम से कम 24 अन्य लोगों की जान गई. सबसे बड़ी मुश्किल शवों के शिनाख्त की हो रही है. DNA सैंपल के लिए शवों की पहचान शुरू हुई, लेकिन सभी की पहचान में कुछ वक्त लग सकता है. ये हादसा जितना बड़ा है, उतने ही बड़े सवाल हैं. लोगों के जख्म इतनी आसानी से नहीं भरने वाले.
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