
शिलॉन्ग। मणिपुर (Manipur) में जातीय हिंसा (Ethnic Violence) को दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक उत्तर पूर्वी राज्य में पूरी तरह से शांति नहीं आ सकी है। शांति स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से कई कोशिशें की गईं, लेकिन कई संगठन राज्य का बंटवारा करने की सलाह दे रहे हैं। इस बीच राज्य में शांति के प्रयासों पर चर्चा के लिए गुरुवार को मेघालय के सीएम और एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा ने मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की।
गवर्नर से मुलाकात के बाद शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कोनराड संगमा ने कहा कि ‘हम इस बात को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि मणिपुर की क्षेत्रीय एकता को बनाए रखा जाना चाहिए और हमारी पार्टी मणिपुर का बंटवारा करने के पक्ष में नहीं है। हमारा मानना है कि सहमति बन सकती है और ये बातचीत से ही संभव है। मणिपुर में जातीय हिंसा को लंबा समय बीत चुका है और ये सभी नेताओं की जिम्मेदारी है कि आगे बढ़ने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए।’
संगमा ने कहा कि ‘मैंने कल मणिपुर के राज्यपाल से मुलाकात की। हमने विभिन्न संगठनों से मिले सुझावों पर चर्चा की। इस बात पर भी चर्चा हुई कि मणिपुर सरकार और भारत सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए क्या कर सकती हैं। सकारात्मक चर्चा हुई। नेशनल पीपुल्स पार्टी द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत किया गया।’
कोनराड संगमा ने मणिपुर का दो दिवसीय दौरा किया और अपने दौरे पर विभिन्न संगठनों के लोगों और विस्थापितों और पीड़ित परिजनों से मुलाकात की। संगमा के मणिपुर दौरे पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एनपीपी मणिपुर में राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता को बढ़ा रही है। संगमा के मणिपुर दौरे पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि संगमा राज्य में एनडीए के प्रभाव को बढ़ाने में जुटे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा और एनपीपी राज्य में शांति और एकता रखने में नाकाम रहीं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved