
इंदौर। प्रशासन के कॉलोनी सेल द्वारा जिन नई विकसित होने वाली ग्रामीण क्षेत्र की कॉलोनियों को विकास अनुमति दी जाती है उसके एवज में निम्र और मध्यमवर्गी परिवारों के लिए भूखंडों को आरक्षित करवाने या पक्के मकान बनवाए जाते हैं। अभी तक इनका आबंटन संबंधित बिल्डर और कॉलोनाइजरों द्वारा ही मनमाने तरीके से किया जाता रहा। पिछले दिनों अग्रिबाण ने पहल करते हुए इन भूखंडों को प्रशासन के माध्यम से आबंटित करने की बात कही थी, जिसे कलेक्टर आशीष सिंह ने पसंद किया और अब वे लालबाग परिसर में 21 और 22 दिसम्बर को आवास मेला लगवा रहे हैं, जिसमें लगभग 5 हजार कमजोर और निम्र आय वर्ग के लिए आरक्षित भूखंड और फ्लेट मौके पर ही जरूरतमंदों को आबंटित करवाए जाएंगे।
नगर निगम सीमा में कॉलोनाइजरों को आश्रयनिधि जमा कराने का भी विकल्प मिलता है, जिसका फायदा अधिकांश जमीन मालिकों द्वारा उठाया जाता है, तो ग्रामीण क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के भूखंड या मकानों की अनिवार्यता है और अधिकांश कॉलोनाइजर ये आरक्षित भूखंड रखते भी हैं, जो अपने स्तर पर विज्ञापन जारी कर आबंटित करते हैं। मगर इसमें अधिकांश कॉलोनाइजर जहां अधिक दरों पर भूखंडों को बेचते हैं, वहीं अपने ही स्टॉफ या अन्य लोगों को आबंटित कर देते हैं। हालांकि प्रशासन विकास अनुमति देने के साथ इन ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के भूखंडों को चिन्हित भी करता है और आबंटन पश्चात ही कार्यपूर्णता का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आवास मेला लगाने का निर्णय लिया है, जिसमें रियल इस्टेट कारोबारियों की सर्वोच्च संस्था क्रेडाईभी नोडल एजेंसी के रूप में रहेगी। कॉलोनी सेल के प्रभारी और अपर कलेक्टर गौरव बैनल के मुताबिक लालबाग परिसर में सुबह 11 से शाम 7 बजे तक 21 और 22 दिसम्बर को ये आवास मेला आयोजित किया जा रहा है। सालाना 3 लाख की आय वाले ईडब्ल्यूएस वर्ग और 3 लाख से अधिक तथा अधिकतम 6 लाख तक की सालाना आय वाले एलआईजी वर्ग को इस आवास मेले का लाभ मिलेगा और लगभग 5 हजार जो आरक्षित भूखंड और फ्लेट करवाए गए हैं उनका आबंटन कमजोर और निम्र आय वर्ग के जरूरतमंदों को किया जाएगा। दरअसल, इसके पीछे कलेक्टर आशीष सिंह की मंशा यह है कि निम्र और कमजोर वर्ग के परिवारों को जहां अपनी छत मुहैया हो सकी, वहीं वे दूसरी तरफ अवैध कॉलोनाइजरों के चंगुल से बच सके, क्योंकि यही तबका अवैध कॉलोनियों में सस्ते भूखंड मिलने के चक्कर में उलझ जाता है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved