
भोपाल। प्रदेश सरकार की समाधान योजना उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बन गई है। उपभोक्ताओं को लगा कि सरकार ने पूरी तरह बिल माफ कर दिया, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं हुआ। कुछ अवधि के लिए बिल वसूली रोक दी गई थी। अब लोगों को पिछले साल जुलाई-अगस्त में बिल माफी योजना में कम किए गए बिल को नोटिस देकर वसूला जा रहा है। उपभोक्ताओं को नोटिस देकर दो विकल्प दिए जा रहे हैं।
15 दिसंबर तक माफ की गई राशि का भुगतान नहीं करने पर मासिक खपत के बिल में वह राशि जोड़कर बिल भेजा जाएगा। सरकार ने 2020 में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए बिल सस्पेंड करने की योजना लागू की थी, जिनके एक किलोवॉट तक के कनेक्शन थे, उन्हें इसका लाभ दिया गया था। कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं ने तो लाभ लिया, लेकिन ऐसे भी लाखों उपभोक्ता हैं, जिन्होंने योजना में शामिल होने पर सहमति नहीं दी, पर बिजली कंपनी ने उन्हें जबरन जोड़ लिया। वह जुलाई-अगस्त में ही पूरा बिल भर सकते थे। अब उन्हें नोटिस देकर पिछले साल माफ की गई राशि भरने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं।
बिजली कंपनी ने ये दो विकल्प दिए
बकाया की मूल राशि का 60 फीसदी एकमुश्त जमा करने पर सस्पेंड की गई राशि में शामिल 100 फीसदी अधिभार और शेष 40 फीसदी प्रतिशत बकाया राशि माफ की जाएगी। मूल राशि का 75 फीसदी छह मासिक किस्तों में भुगतान करने पर सस्पेंड की गई राशि में शामिल 100 फीसदी अधिभार और शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ जाएगी। इन दो विकल्पों को चुनकर सस्पेंड की गई राशि का भुगतान नहीं किया तो दिसंबर के ही बिल में राशि जोड़ दी जाएगी। 15 दिसंबर तक राशि भरना पड़ेगी। समाधान में शरीक नहीं हुए तो घर, दफ्तर, दुकान के कनेक्शन काटे जाएंगे।
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