
इंदौर। पंजीयन विभाग ने आगामी वित्त वर्ष की गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया मुख्यालय से मिले निर्देशों के तहत शुरू कर दी है। इंदौर में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर एक हजार फीसदी से अधिक कीमत पर भी बड़ी जमीनों की रजिस्ट्रियां हुई है। इसके साथ ही विभाग ने उन स्थानों को भी चिन्हित किया है जहां पर इस वित्त वर्ष में सबसे अधिक संख्या में दस्तावेजों का पंजीयन हुआ। 300 से अधिक नए स्थान जुड़ेंगे और कुल 5500 स्थानों पर स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ेगी। यानी इन स्थानों पर गाइडलाइन लागू होगी। वहीं विभागीय सूत्रों के मुताबिक लगभग 4 हजार स्थानों पर 25 फीसदी तक गाइडलाइन में इजाफा हो सकता है। अभी 1950 करोड़ रुपए तक का राजस्व 10 फरवरी तक हासिल हो गया है।
अभी भी 700 से अधिक रजिस्ट्रियां रोजाना हो रही है। हालांकि सर्वर की समस्या के साथ पुराने पोर्टल पर रजिस्ट्री करवाने वालों को हफ्ते-दस दिन तक की वेटिंग करना पड़ रही है। वहीं नए सम्पदा-2.0 पोर्टल पर स्लॉट बढ़ाने के साथ रजिस्ट्रियां हो रही है। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा के मुताबिक 1 अप्रैल 2024 से अभी फरवरी तक 1 लाख 48966 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है, जिसके जरिए 1950.29 करोड़ रुपए की आय हुई है और 4 फीसदी से अधिक गत वर्ष की तुलना में राजस्व वृद्धि भी है। पिछले दिनों भोपाल स्थित मुख्यालय ने गाइडलाइन तैयार करने के जो दिशा-निर्देश भिजवाए उसके मुताबिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन स्थानों को चिन्हित किया है जहां पर चालू वित्त वर्ष में अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं और एआई के जरिए मिले डाटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिन नई कॉलोनियों-टाउनशिप को विकास अनुमतियां मिली और उनके प्रस्ताव भी आए हैं, ऐसे लगभग 300 से ज्यादा नए स्थानों पर भी गाइडलाइन लागू होगी। वर्तमान में 5150 स्थान हैं, जहां पर गाइडलाइन के मुताबिक रजिस्ट्रियां की जाती हैं। अब आगामी वित्त वर्ष में इन स्थानों की संख्या बढक़र 5 हजार 500 से अधिक हो जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि 25 फीसदी तो औसत गाइडलाइन में वृद्धि होगी ही, वहीं जिन स्थानों पर अधिक दरों पर रजिस्ट्रियां करवाई गई हैं, वहां संभव है 2 से 4 गुना तक भी इजाफा हो जाए। अभी कॉर्पोरेट द्वारा भी इंदौर में जमीनें खरीदी जा रही हैं और पूरा भुगतान एक नम्बर में यानी चेक से किया जा रहा है, जिसके चलते कई स्थानों पर 100 गुना से भी ज्यादा दरों पर रजिस्ट्रियां करवाई गई है। इस बार एआई के साथ-साथ जो मैदानी डाटा विभाग के पास मौजूद है, उसको भी नई गाइडलाइन का आधार बनाया जा रहा है।
हालांकि अभी भी अधिकांश क्षेत्रों में गाइडलाइन की तुलना में बाजार दर कई गुना अधिक है और इंदौर-उज्जैन रोड के साथ-साथ राऊ बायपास, सुपर कॉरिडोर सहित अन्य क्षेत्रों में अधिक संख्या में रजिस्ट्रियां हुई हैं। पंजीयन विभाग के मुताबिक औसतन 25 फीसदी तक वृद्धि प्रस्तावित की जाएगी। अभी जिला मूल्यांकन समिति की बैठक होगी, जिसमें गाइडलाइन में किए जाने वाले संशोधनों के प्रस्ताव किए जाएंगे और फिर दावे-आपत्ति की भी प्रक्रिया की जाएगी। इसके बाद केन्द्रीय मूल्यांकन समिति भोपाल को ये प्रस्ताव भेजे जाएंगे और वहां से मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू होगी। पंजीयन विभाग का मानना है कि भूखंडों के साथ-साथ खेती की जमीनों में भी अधिक दरों पर रजिस्ट्रियां कराई गई हैं, जिनमें राऊ नगर पंचायत, मूंडला नायता, नंदन नगर, राधिका पैलेस, सांवेर रोड, बजरंग पालिया, लालपुरा, अमलीखेड़ा, मुरादपुरा, पत्थर मूंडला सहित कई अन्य क्षेत्रों और कॉलोनियों में 1 हजार फीसदी से लेकर 600-400 और 500 फीसदी तक अधिक दरों पर रजिस्ट्रियां हुई हैं। दरअसल, बैंक लोन लेने के साथ-साथ पिछले दिनों कुछ कॉर्पोरेट ने भी इंदौर में जमीनें खरीदी, जिनमें गोदरेज रियलिटी प्रमुख है। इसने सांवेर रोड पर ग्राम शाहना और एबी रोड मांगलिया क्षेत्र में जमीन की बड़ी रजिस्ट्रियां करवाईं और लगभग हजार से लेकर 1200 फीसदी गाइडलाइन से अधिक दर पर ये रजिस्ट्रियां हुई हैं, जिससे 10 से 12 करोड़ रुपए का राजस्व पंजीयन विभाग को भी मिला।
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