इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अब मद्दे को ईडी ने दबोचा, गिरफ्तारी के बाद चालान पेश, संपत्ति भी राजसात

  • कानून के साथ खेलता जालसाज दीपक मद्दा 10 में से 8 प्रकरणों में जमानत लाया… एक में स्टे… पर अब लंबा फंसा

इंदौर (Indore)। घोटालेबाजों को कानून से खेलना आता है। सहकारी समितियों की जमीनों को हड़पने और अपने नाम रजिस्ट्री कराकर सोसायटी में जमा पैसा फिर अपने खातों में डालने जैसे संगीन अपराध करने वाला दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक मद्दा अपने ऊपर कायम दस प्रकरणों में से सात प्रकरणों में जहां जमानत ले आया, वहीं एक प्रकरण में स्टे हासिल करने के बाद कल नौवें प्रकरण में भी जमानत हासिल करने मेें कामयाब रहा। लेकिन इन सभी प्रकरणों की विवेचना करते हुए ईडी के शिकंजे में फंसे दीपक जैन को जहां 2 जून को गिरफ्तार किया गया था, वहीं अब चालान भी पेश कर दिया है। ईडी के कानून के अनुसार अब उसकी जमानत न केवल मुश्किल है, बल्कि वह लंबे समय के लिए जेल का मेहमान बना रहेगा।

प्रशासन ने दिलीप सिसौदिया सहित कई लोगों के खिलाफ विगत दिनों प्रकरण कायम किए थे। इनमें से दस प्रकरकण अकेले दिलीप सिसौदिया उर्फ दिलीप मद्दे के नाम दर्ज थे। इन्हीं प्रकरणों की विवेचना करते हुए ईडी ने सभी आरोपियों को शिकंजे में लेकर उनके खिलाफ चालान पेश कर दिया है। दिलीप सिसौदिया को विगत 2 जून को ही ईडी ने जेल में रहते हुए गिरफ्तार कर लिया था। अब उसके खिलाफ चालान भी चार दिन पहले पेश कर दिया है, जिसमें दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन मद्दे सहित आठ जालसाजों पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है। दिलीप जैन केसाथ दीपेश वोरा, कमलेश वोरा, केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी, दिलावर, जाकिर व एक अन्य पर ईडी ने प्रकरण दर्ज कर चालान पेश कर दिया है। अब इन सभी जालसाजों को लंबे समय के लिए जेल की हवा खाना पड़ेगी।


दस प्रकरणों का आरोपी दीपक जैन उर्फ मद्दा त्रिशला हाउसिंग सोसायटी के प्लाट की धोखाधड़ी के मामले में जमानत ले आया। हालांकि उसके लिए उसके वकील एडवोकेट विशाल बाहेती को जमकर तर्क करना पड़े, लेकिन फिर भी वह जेल से बाहर नहीं आ सकेगा, क्योंकि उस पर जहां अभी एक और प्रकरण दर्ज है, वहीं अब ईडी का शिकंजा उसके गले पड़ा हुआ है।

त्रिशला हाउसिंग सोसायटी के प्लाट की धोखाधड़ी के मामले में भी जमानत … पर जेल में ही रहेगा माफिया

मामला इस प्रकार है कि फरियादी सिद्धार्थ पिता राजेंद्र पोखरना द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि त्रिशला हाउसिंग सोसायटी की पीपल्याहाना स्थित कालोनी में उसने सन् 2000 में भूखंड नंबर 147 क्रय किया था, जिसके पेटे एक लाख दो हजार रुपए जमा कराए थे। इसके बाद 2001 में एजुकेशन के लिए वाशिंगटन चला गया। समय-समय पर भारत आने के दौरान संपर्क करता रहा, लेकिन उसके प्लाट की रजिस्ट्री नहीं कराई गई। आश्वासन दिया जाता रहा कि सोसायटी का मामला कोर्ट से निपटते ही करा देंगे। सोसायटी की वरीयता सूची में उसका नाम था, लेकिन बाद में सूची से उसका नाम हटा दिया गया। उसने सहकारिता उपायुक्त को शिकायत की तो बताया गया कि उसके फर्जी हस्ताक्षर से सोसायटी में उसकी जमा राशि निकाल ली गई। शिकायत पर तिलक नगर पुलिस ने 30 जून 2023 को इनके खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं 420, 468, 468, 471, 120बी, 34 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें जयेंद्र और दीपक की गिरफ्तारी की गई थी। पहले आरोपी जयेंद्र बम पिता शांतिलाल निवासी कंचन रॉयल रेसीडेंसी पालीवाल नगर को जमानत मिल गई थी। इसके चार दिन बाद दूसरे आरोपी दिलीप सिसौदिया पिता आनंदीलाल निवासी गिरधर नगर की ओर से एडवोकेट विशाल बाहेती द्वारा इसी कोर्ट में जमानत आवेदन लगाया गया। इसमें भी आरोपी सिसौदिया को सशर्त जमानत दे दी गई। उसे 5 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

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