नई दिल्ली: पूरे भारत में कोविड जैसे लक्षणों वाला एक इन्फ्लूएंजा बढ़ रहा है, जिससे कई लोगों के लिए डर पैदा हो रहा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अनुसार, यह बीमारी जो कई लोगों के लिए श्वसन संबंधी परेशानियों का कारण बनती है, वह इन्फ्लूएंजा A सबटाइप H3N2 है. वायु प्रदूषण के साथ लोगों में ऊपरी श्वसन संक्रमण के साथ साथ बुखार विकसित होता है.
यह हैं लक्षण
- खांसी
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- गला खराब होना
- शरीर में दर्द
- दस्त
इस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए क्या करें
नियमित रूप से अपने हाथों को पानी और साबुन से धोएं. यदि आपके पास उपर्युक्त लक्षणों में से कोई भी है, तो फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें. अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें. खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ठीक से ढक लें. हाइड्रेटेड रहें और बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करें. बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल का सेवन करें.
क्या न करें-
- हाथ मिलाना या अन्य संपर्क आधारित अभिवादन का उपयोग करें.
- सार्वजनिक रूप से थूकना, स्व औषधि, एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएं डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लें. दूसरों के पास बैठकर भोजन करना जैसी बातों का ध्यान रखें.
रोगियों को एंटीबायोटिक्स न दें
आईएमए ने डॉक्टरों से आग्रह किया है कि यह पुष्टि करने से पहले कि संक्रमण जीवाणु है या नहीं, रोगियों को एंटीबायोटिक्स न दें, क्योंकि इससे प्रतिरोध पैदा हो सकता है. बुखार, खांसी, गले में खराश और शरीर में दर्द के अधिकांश मौजूदा मामले इन्फ्लूएंजा के मामले हैं, जिसके लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत नहीं होती है.
यह दी गई सलाह
इसको लेकर जो सलाह दी गई है उसमें अच्छे से हाथ धोना और श्वसन स्वच्छता का अभ्यास करना. इसका संक्रमण आमतौर पर एक सप्ताह तक रहता है, जबकि खांसी लंबे समय तक बनी रह सकती है.