
भोपाल। प्रदेश में सरकारी नौकरी, प्रवेश परीक्षाओं एवं अन्य पाठ्यक्रमों में 27 फीसदी आरक्षण की मंाग को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)लामबंद होने लगा है। सरकार द्वारा ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की अधिसूचना जारी होने एवं हाईकोर्ट से किसी भी तरह की रोक नहीं होने के बावजूद भी ओबीसी को आरक्षण से वंचित रखा जा रहा है। प्रदेश की 51 फीसदी ओबीसी आबादी पर अन्याय हो रहे हैं। इसके विरोध में पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगा। ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनरतले राजधानी में हुई ओबीसी के 18 संगठनों के प्रमुखों की संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया गया है।
संयुक्त मोर्चा की बैठक में पूर्व महापौर एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विभा पटेल ने कहा कि सामान्य श्रेणी को अनारक्षित श्रेणी कहा जाना चाहिए। जिससे सरकारी नौकरी एवं चुनावों में अनारक्षित सीटोंं पर अन्य वर्ग एससी, एसटी एवं ओबीसी श्रेणी के लोग भी भाग ले सकते हैं, लेकिन सामान्य श्रेणी के नाम पर अन्य वर्गों को गुमराह किया जा रहा है। पटेल ने कहा कि उपचुनाव में जो दल अपने घोषणा पत्र में ओबीसी की जातिगत गणना कराने की घोषणा करेगा। ओबीसी उपचुनाव में सभी सीटों पर उसी दल के पक्ष में काम करेगा।
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