img-fluid

भारतीय नौसेना के तीन कदमों से बौखलाए पाकिस्तान, चीन और तुर्की, हिंद-प्रशांत में बढ़ती शक्ति से मचा हड़कंप

October 25, 2025

नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान मई महीने में भारतीय सैन्य बलों (Indian Military Forces) की चार दिनों की सैन्य कार्रवाई ने ना सिर्फ पाकिस्तान-तुर्की और चीनी गठजोड़ का पर्दाफाश पूरी दुनिया के सामने किया था, बल्कि चीनी फाइटर जेट J-10CE और तुर्की द्वारा भेजे गए ड्रोन को फुस्स कर पाकिस्तानी मंसूबों पर पानी फेर दिया था। इससे पूरी दुनिया के सामने पाक के मददगारों की भारी बेइज्जती हुई थी। अब भारतीय नौसेना के कदम से ये तिकड़ी एक बार फिर टेंशन में है। इसकी वजह भूमध्य सागर से लेकर हिन्द-प्रशांत महासागर तक भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत है।

दरअसल, भारतीय नौसेना ने हाल के दिनों में हिन्द महासागर और हिन्द प्रशांत महासागर में दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपीन्स के साथ संयुक्त युद्ध अभ्यास, मुक्त मार्ग अभ्यास और अन्य सैन्य सहयोग के जरिए नजदीकियां बढ़ाई हैं, जिससे पूर्वी पड़ोसी देश चीन में खलबली मची हुई है। चीन इन अभ्यासों से नाराज है। वह इसे हिन्द प्रशांत महासागर में भारत का दखल करार दे रहा है।


चीन क्यों परेशान?
चीनी विश्लेषकों के अनुसार, भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को बीजिंग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को नियंत्रित करने की एक रणनीतिक कोशिश के रूप में देख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि घनिष्ठ रक्षा संबंध बनाकर, ये देश इस क्षेत्र से अमेरिका की रणनीतिक वापसी के कारण पैदा हुए खालीपन को भरने की कोशिश कर रहे हैं।ये चीनी विश्लेषक चीन के आंतरिक क्षेत्र में भारतीय नौसैनिक पोत सह्याद्रि की मौजूदगी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

बुसान नौसैनिक बंदरगाह पहुंचा सह्याद्रि
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सह्याद्रि 13 अक्टूबर को ही दक्षिण कोरिया के बुसान नौसैनिक बंदरगाह पर पहुंच चुका है। बयान में यह भी कहा गया है, “दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चल रही परिचालन तैनाती के तहत, भारतीय नौसेना का जहाज सह्याद्रि, 13 अक्टूबर 2025 को दक्षिण कोरिया के बुसान नौसैनिक बंदरगाह पर भारतीय नौसेना और दक्षिण कोरिया गणराज्य नौसेना के पहले द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेने के लिए पहुँच गया है।” इस यात्रा के दौरान, सह्याद्रि पोत का चालक दल द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेगा।

सह्याद्रि क्या है?
बता दें कि सह्याद्रि भारत द्वारा डिजायन किया गया एक शिवालिक-श्रेणी का मिसाइल गाइडेड स्टील्थ फ्रिगेट है, जिसे 2012 में नौसेना में कमीशन किया गया था। रक्षा मंत्रालय का बयान भारतीय नौसेना की योजनाओं में हिंद-प्रशांत और दक्षिण चीन सागर के बढ़ते महत्व को उजागर करता है। इसके अलावा इसी महीने की शुरुआत में 9 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने समकक्ष रिचर्ड मार्लेस के साथ कई द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत किए और हिन्द-प्रशांत महासागर में क्षेत्रीय साझेदारी और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

भारत-ऑस्ट्रेलिया नजदीकी से भी चीन को बेचैनी
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में वाशिंगटन स्थित हडसन इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ फेलो लिसेलोटे ओडगार्ड के हवाले से कहा गया है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों में आ रही नजदीकियों से बीजिंग बेचैन है। वह इस प्रगति को “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ एक मज़बूत गठजोड़ के रूप में देख रहा है। इससे हिंद महासागर में तनाव बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये क्षेत्र आगे चलकर और भी विवादित बन सकता है।

भारत-फिलीपीन्स नौसैनिक अभ्यास से भी नाराज
बीजिंग भारत-फिलीपीन्स नौसैनिक अभ्यास से भी नाराज है। अगस्त में भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन्स के साथ सैन्य अभ्यास किया था। इस अभ्यास पर भी चीन ने तीखा हमला बोला है और भारत को क्षेत्र में तीसरा पक्ष करार दिया है और कहा है कि तीसरे पक्ष को दखल देने की जरूरत नहीं है। चीन ने भारत पर क्षेत्र में अशांति और परेशानी पैदा करने का भी आरोप लगाया है। उधर, पाकिस्तान का एक और मददगार, तुर्की भी भारतीय नौसेना के कदम से परेशान है। दरअसल, अगस्त में भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS तमाल ने ग्रीक की नौसेना के साथ मिलकर औदा खाड़ी में मार्ग अभ्यास किया था, जबकि सितंबर में INS त्रिकांड ने लीमाल बंदरगाह पर साइप्रस के साथ अभ्यास किया था, जिससे तुर्की परेशान हो उठा है। तुर्की के विश्लेषकों ने इसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के खिलाफ एक चुनौती के रूप में लिया है।

Share:

  • कूटनीति का नया टूल बना गाय का गोबर, जर्मन राजदूत ने भारत की पहल को सराहा, तस्वीरें कीं साझा

    Sat Oct 25 , 2025
    नई दिल्‍ली । जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन (German Ambassador Dr. Philipp Ackermann) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में प्राकृतिक खेती (natural farming) की एक अनोखी पहल पर अनुभव साझा किया। उन्होंने इसे ‘कूटनीति में आज का टूल’ बताते हुए सराहना की। फिलिप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘जर्मन विकास बैंक KFW […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved