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इस दिन मनाई जाएगी परशुराम जयंती, जानें वास्‍तविक नाम राम से कैसे कहलाए भगवान परशुराम

वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। इस बार भगवान परशुराम की जयंती 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। भगवान परशुराम, भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार हैं। उन्हें रामभद्र, भार्गव, भृगुपति, भृगुवंशी तथा जमदग्न्य नाम से भी जाना जाता है। भगवान परशुराम(Lord Parshuram) का पूर्व नाम राम था, परंतु भगवान शिव से प्राप्त अमोघ दिव्य शस्त्र परशु को धारण करने के कारण वह परशुराम कहलाए। कहा जाता है कि भगवान परशुराम त्रेता युग एवं द्वापर युग से कलयुग के अंत तक अमर हैं।

परशुराम जयंती शुभ मुहूर्त-
भगवान परशुराम की जयंती 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि आरंभ- 14 मई 2021 दिन शुक्रवार सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई 2021 दिन शनिवार सुबह 08 बजे


भगवान परशुराम का वास्तविक नाम राम था जिस वजह से कहा जाता है कि राम से पहले भी राम हुए हैं। पृथ्वी से पापियों का नाश करने के लिए उन्होंने जन्म लिया। वैशाख माह (Vaishakh month) में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की रात्रि में पहले प्रहर में भगवान परशुराम का जन्म हुआ, इसलिए यह जयंती तृतीया तिथि के प्रथम प्रहर में मनाई जाती है। इस दिन हवन, पूजन, भोग एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है। यह दिन अक्षय तृतीया के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह तिथि त्रेतायुग के आरंभ की तिथि भी मानी जाती है।

भगवान परशुराम शास्त्र एवं शस्त्र विद्या के ज्ञाता थे। उन्होंने अन्याय का विरोध किया और शोषितों और पीड़ितों की हर प्रकार से रक्षा की। भगवान परशुराम ने कश्यप ऋषि (Kashyap Rishi) को पृथ्वी का दान कर दिया और स्वयं महेन्द्र पर्वत पर निवास करने लगे। माना जाता है कि भगवान परशुराम आज भी तपस्या में लीन हैं। कल्कि पुराण के अनुसार भगवान परशुराम, भगवान विष्णु (Lord vishnu) के दसवें अवतार कल्कि के गुरु होंगे और उन्हें युद्ध की शिक्षा देंगे। महर्षि ऋचीक ने उन्हें अपना दिव्य धनुष दिया और महर्षि कश्यप ने उन्हें वैष्णव मंत्र का ज्ञान दिया। भगवान शिव (Lord Shiva) ने उन्हें विद्युदभी नामक परशु प्रदान किया। इसलिए वह परशुराम कहलाए।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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