
भोपाल। प्रदेश में जल संरक्षण के लिए बड़े तालाब, चेकडैम और स्टाम डैम निर्माण का कार्य बड़े स्तर पर किया जाना है। इसके लिए सभी कलेक्टरों को सौ-सौ जल संग्रहण संरचनाओं को अमृत सरोवर योजना में चिह्नित करना था, लेकिन 24 कलेक्टर अब तक लक्ष्य हासिल नहीं कर सके हैं। सरकार ने जल संरक्षण करके सिंचाई, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन सहित अन्य गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में न्यूनतम सौ जल संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। इनके लिए बजट की कोई कमी नहीं है, क्योंकि निर्माण कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) सहित अन्य शासकीय योजनाओं के माध्यम से कराए जाएंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुरैना और जबलपुर जिले ने सरोवर चयन में सबसे अच्छा काम किया है। दोनों जिलों में योजना के तहत 237- 237 कार्य चिह्नित किए गए हैं। इन संरचनाओं से ग्रामीणों को जोडऩे के लिए जल उपयोगकर्ता समूह भी गठित किए जाएंगे। प्रदेश में अभी तक अमृत सरोवर के लिए पांच हजार 187 कार्य चिह्नित हो चुके हैं। जिन जिलों में लक्ष्य की पूर्ति नहीं हुई है, उनके कलेक्टरों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जल सरंक्षण के कामों को प्राथमिकता में लें।
गांवों में होगी जल चौपाल
अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह रायसेन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में करेंगे। इसका सीधा प्रसारण सभी जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में जल चौपाल लगेगी। इसमें अभियान के दौरान होने वाले कामों का प्रस्तुतीकरण होगा। जल संरक्षण एवं भूजल संवर्धन की शपथ दिलाई जाएगी और नए कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। पहला चरण जून 2022 और दूसरा मार्च 2023 तक चलेगा।
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