
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ शिखर वार्ता की. इस बैठक का उद्देश्य भारत और जापान के बीच व्यापार, निवेश और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करना था. प्रधानमंत्री मोदी के जापान की राजधानी पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद दोनों नेताओं ने 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन के लिए मुलाकात की.
इस शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने समझौतों का आदान-प्रदान किया. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने 6 साल पहले की अपनी वाराणसी यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे अगस्त 2019 में वाराणसी जाने का सौभाग्य मिला था. मैं अनादि काल के भारतीय इतिहास को देखकर अभिभूत था.’
पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा,’आज हमारी चर्चाएं उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण रहीं. हम इस बात पर सहमत हैं कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, हमारी साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है. मजबूत लोकतंत्र एक बेहतर दुनिया के निर्माण में स्वाभाविक साझेदार होते हैं. आज, हमने अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में एक नए और सुनहरे अध्याय की नींव रखी है. हमने अगले दशक के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. हमारे विजन के केंद्र में इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन, इकोनॉमिक सिक्योरिटी, पर्यावरण, टेक्नोलॉजी, हेल्थ, मोबिलिटी और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान है.’
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य रखा है. भारत और जापान के लघु एवं मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप्स को जोड़ने पर विशेष जोर दिया जाएगा. मैंने इंडिया जापान इकोनॉमिक फोरम में भी जापानी कंपनियों से ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा कि हाई टेक्नोलॉजी सेक्टर में सहयोग भारत और जापान के लिए प्राथमिकता है. इस संबंध में, डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 और एआई कोऑपरेशन इनिशिएटिव पर काम किया जा रहा है. सेमीकंडक्टर और रेयर अर्थ मिनरल्स हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभा एक विजयी संयोजन हैं. हम जहां हाई-स्पीड रेल पर काम कर रहे हैं, वहीं अगली पीढ़ी की मोबिलिटी पार्टनरशिप के तहत हम बंदरगाहों, विमानन और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से प्रगति करेंगे. चंद्रयान 5 मिशन में सहयोग के लिए, हम इसरो (Indian Space Research Organisation) और जाक्सा (Japan Aerospace Exploration Agency- JAXA) के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं. हमारा सक्रिय सहयोग पृथ्वी की सीमाओं को पार करेगा और अंतरिक्ष में मानवता की प्रगति का प्रतीक बनेगा.’
1. अगले दशक के लिए भारत-जापान जॉइंट विजन. 2. सुरक्षा सहयोग पर जॉइंट डिक्लेरेशन. 3. भारत-जापान के बीच ह्यूमन रिर्सोस के आदान-प्रदान के लिए एक्शन प्लान. 4. संयुक्त ऋण व्यवस्था पर सहयोग ज्ञापन. 5. भारत-जापान डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 पर समझौता ज्ञापन. 6. खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग ज्ञापन. 7. चंद्रयान-5 मिशन के लिए भारत और जापानी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग. 8. क्लीन हाइड्रोजन और अमोनिया पर जॉइंट डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट. 9. सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर सहयोग ज्ञापन.
10. डिसेंट्रलाइज डोमेस्टिक वेस्ट वाटर मैनेजमेंट पर समझौता ज्ञापन. 11. पर्यावरण सहयोग के क्षेत्र में सहयोग ज्ञापन. 12. भारत के सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान और जापान के विदेश मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन. 13. भारत और जापान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच जॉइंट डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट.
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