
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आसियान समिट (ASEAN Summit) में हिस्सा लेने के लिए मलेशिया (Malaysia.) नहीं जा रहे हैं। खुद मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम (Malaysian Prime Minister Anwar Ibrahim.) ने इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है। उन्होंने गुरुवार सुबह ही पोस्ट करके लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी आसियान समिट को वर्चुअली संबोधित करेंगे। उन्होंने लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के एक सहयोगी से बात हुई है, जिसमें मलेशिया औऱ भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने की बात हुई है। अनवर इब्राहिम ने ट्वीट किया कि मेरी पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से बात हुई है। इस दौरान हमने तय किया कि भारत और मलेशिया कारोबार एवं निवेश के मामले में एक मजबूत सहयोगी बने रहेंगे।
इसके अलावा तकनीक, शिक्षा, सुरक्षा के मसले पर भी हम सहयोग करेंगे। अनवर ने कहा कि भारत में दीपावली उत्सव चल रहा है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअली ही ASEAN समिट के आयोजन को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि हम क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए भारत के साथ मिलकर खड़े हैं। दरअसल पहले अटकलें थीं कि इस आयोजन में पीएम नरेंद्र मोदी जाएंगे और वहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होगी। ट्रेड टैरिफ के बीच ऐसी मुलाकात की काफी चर्चाएं हो रही थीं, लेकिन अब पीएम मोदी के वर्चुअल संबोधन की खबर आने से तमाम खबरों पर विराम लग गया है।
PM मोदी के ना जाने पर कांग्रेस ने कसा तंज
इस मामले में कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘पिछले कई दिनों से अटकलें चल रही थीं कि प्रधानमंत्री मोदी कुआलालंपुर सम्मेलन में जाएंगे या नहीं? अब यह लगभग तय हो गया है कि प्रधानमंत्री वहां नहीं जाएंगे। इसका मतलब है कि कई विश्व नेताओं से गले मिलने, फ़ोटो खिंचवाने और ख़ुद को विश्वगुरु बताने के कई मौक़े हाथ से निकल गए। पीएम मोदी के वहां नहीं जाने की वजह साफ़ है -वे राष्ट्रपति ट्रंप के सामने नहीं आना चाहते, जो वहां मौजूद होंगे। उन्होंने कुछ हफ़्ते पहले मिस्र में गाज़ा शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी इसी वजह से ठुकरा दिया था।’
ट्रंप के सामने नहीं रहना चाहते पीएम मोदी, क्या बोले जयराम रमेश
जयराम रमेश इसके आगे लिखते हैं, ‘सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ़ में संदेश पोस्ट करना एक बात है, लेकिन उस व्यक्ति के साथ आमने-सामने होना, जिसने 53 बार ऑपरेशन सिंदूर रोकने का दावा किया है और पाँच बार यह कहा है कि भारत ने रूस से तेल ख़रीदना बंद करने का वादा किया है – यह दूसरी बात है। यह उनके लिए काफ़ी जोखिम भरा है। प्रधानमंत्री शायद अब उस पुराने हिट बॉलीवुड गाने को याद कर रहे होंगे- बच के रहना रे बाबा, बच के रहना।’
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