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Pollution: गाजियाबाद व नोएडा के बाद गोरखपुर की आबोहवा सबसे ज्यादा खराब, AQI आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता

गोरखपुर । गोरखपुर (Gorakhpur) की आबोहवा और ज्यादा प्रदूषित (climate more polluted) हो गई है। बुधवार को जो एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index) (एक्यूआई) 296 था, वह गुरुवार को बढ़कर 311 हो गया है। इसका मतलब है कि 24 घंटे में ही एक्यूआई 15 बढ़ गया है। खराब आबोहवा (climate polluted) के मामले में गोरखपुर यूपी में तीसरे स्थान (3rd place in UP) पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने गुरुवार को एक्यूआई का जो आंकड़ा जारी किया है, वह चिंता बढ़ाने वाला है।

गाजियाबाद और नोएडा के बाद यूपी में सबसे खराब आबोहवा गोरखपुर की है। वायुमंडल के ऊपरी सतह पर धुंध छाई है। हर तरफ धूल के कण हैं। इससे शहरवासियों का दम फूल रहा है। दीवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता जो खराब हुई है, वह अब तक नहीं सुधरी है। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने और ऊपरी वायुमंडल में हवा की रफ्तार इतनी कम है कि गोरखपुर के ऊपरी हिस्से में प्रदूषण जम सा गया है।


एमएमएमयूटी परिसर में लगा एक्यूआई मापक यंत्र
एमएमएमयूटी परिसर में ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का एक्यूआई मापक यंत्र लगा है। इसके जरिए ही रोज की एक्यूआई रिपोर्ट सीपीसीबी की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है।

एमएमएमयूटी के आसपास कराया पानी का छिड़काव
एमएमएमयूटी परिसर में लगे प्रदूषण नियंत्रण डिस्प्ले बोर्ड के आसपास बृहस्पतिवार को पानी का छिड़काव कराया गया है। इसका फायदा शुक्रवार को मिल सकता है। अगर छिड़काव का प्रभाव ठीक हुआ तो एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर सुधर सकता है। दरअसल, एमएमएमयूटी से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तक सड़क का निर्माण चल रहा है। इस कारण ट्रैफिक डायर्वट किया गया है। ज्यादातर वाहन एमएमएमयूटी की तरफ की सड़क से निकाले जा रहे हैं। इसका असर भी एक्यूआई पर पड़ा है।

लगातार होगा पानी का छिड़काव
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पंकज यादव ने कहा कि शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार निर्माण चल रहा है। इसकी वजह से धूलकण लगतार वायुमंडल में बढ़ जा रहे हैं। इसको देखते हुए नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण आदि विभागों से निर्माण साइटों पर पानी का छिड़काव संबंधी पत्र लिखा गया था। इन विभागों द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर लगातार पानी का छिड़काव होने की वजह से वायुमंडल में धूल के कण नहीं घुल पाएंगे। ऐसे में गोरखपुर शहर में परिवेशीय वायु गुणत्ता में एक्यूआई में कमी आएगी और शहर की हवा स्वच्छ बनेगी।

धूल, धुआं से बिगड़ी हवा की गुणवत्ता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के मुताबिक निर्माण कार्यों व वाहनों की लंबी कतार से हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। गोरखपुर के ज्यादातर इलाकों में सड़क, सीवर लाइन या फिर दूसरी विकास परियोजनाओं का काम चल रहा है। इससे धूल का गुबार उठ रहा है। पानी छिड़काव के कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसी तरह जाम की चुनौती से निपटने की कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों के निर्माण व डायवर्जन की वजह से दिनभर जाम की समस्या बनी हुई है।

तारीख- एक्यूआई
01-255
02-261
03-254
04-298
05-372
06-386
07-347
08-345
09-393
10-346
11-271
12-260
13-297
14-295
15-302
17-296
18-311

शहरों में एक्यूआई का स्तर
दिल्ली 351
गाजियाबाद 364
नोएडा 340
लखनऊ 242
प्रयागराज 256
वाराणसी 240
आगरा 254
कानपुर 265

एक्यूआई स्थिति
0-50 अच्छा
51-100 संतोषजनक
101-200 मोडरेट
201-300 खराब
301-400 अत्यंत खराब
401-500 खतरनाक

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