
नई दिल्ली । प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh) ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में (In the Economy of Uttar Pradesh) 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का (More than Rs. 3 Lakh Crore) योगदान दिया (Contributed) । उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर शेयर किया कि इस उत्सव के दौरान प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर पवित्र स्नान में 66.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उद्योग जगत के लीडर्स के अनुसार, इस भव्य उत्सव से वस्तुओं और सेवाओं के माध्यम से 3 लाख करोड़ रुपये (लगभग 360 बिलियन डॉलर) से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है, जो महाकुंभ का नाम देश के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों की लिस्ट में जोड़ता है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( सीएआईटी) के महासचिव और भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ शुरू होने से पहले शुरुआती अनुमानों में 40 करोड़ लोगों के आने और करीब 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापारिक लेन-देन का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, देश-विदेश से मिली बेहतरीन प्रतिक्रिया के कारण दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। मौसमी रूप से कमजोर यात्रा अवधि में मार्च तिमाही में हवाई किराए में भी तेजी रही। यह उछाल महाकुंभ के लिए प्रयागराज की उड़ानों पर केंद्रित था।
कई व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां देखी गईं, जिनमें आतिथ्य और आवास, खाद्य और पेय क्षेत्र, परिवहन और लॉजिस्टिक्स, धार्मिक पोशाक, पूजा और हस्तशिल्प, कपड़ा और परिधान और दूसरे उपभोक्ता सामान शामिल हैं। न केवल प्रयागराज, बल्कि 100-150 किलोमीटर के दायरे में आने वाले शहरों और कस्बों में भी व्यापार में शानदार उछाल आया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हुईं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। राज्य सरकार के अनुसार, 14 नए फ्लाईओवर, छह अंडरपास, 200 से अधिक चौड़ी सड़कें, नए गलियारे, विस्तारित रेलवे स्टेशन और एक आधुनिक हवाई अड्डा टर्मिनल बनाने पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा, कुंभ मेले की व्यवस्था के लिए विशेष रूप से 1,500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए।
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