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लोगों की सेहत से खिलवाड़, बिना मंजूरी बिक रही वजन घटाने की कई दवाएं

नई दिल्ली (New Delhi)। सबकी ख्वाहिश होती है कि वह फिट बॉडी (fit body) का मालिक हो, दुबला सुंदर, सुडौल शरीर (slim beautiful shapely body) हो, लेकिन खराब लाइफस्टाइल (lifestyle) के चलते लोगों के बीच वजन बढ़ने की समस्या आम हो चली है. बढ़ते वजन के साथ-साथ उनके शरीर में कई तरह की मोटापे (various types of obesity) से संबंधित बीमारियां भी दस्तक देती हैं. ऐसे में वजन कम करने के लिए लोग तरह-तरह के तरीकों का सहारा लेते हैं. दवाओं के इस्तेमाल से भी अपने वेट को घटाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में भारत (India) में कुछ ऐसी दवाओं के इस्तेमाल का चलन बढ़ चला है जिसकी मंजूरी नहीं है।


आखिर क्यों बढ़ी वजन घटाने वाले अवैध दवाओं की बिक्री
देश में वेट लॉस को लेकर अलग ही ट्रेंड चला हुआ है. हर कोई कम वक्त में ही बढ़ा हुआ वजन कम करना चाहता है यानी कि शॉर्टकट अपनाना चाहता है. इसी शॉर्टकट में सेलिब्रिटीज अपने इंटरव्यूज में वजन कम करने की ऐसी दवाओं का भी जिक्र करते हैं, जिनके इस्तेमाल की भारत में मंजूरी नहीं है. इससे प्रोत्साहित होकर मिडिल क्लास भारतीयों के बीच इन सेलिब्रिटीज के सुझाए गए वेट लॉस की दवाओं( ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाओं) की डिमांड इन दिनों बढ़ गई है. खुलासा हुआ है कि बढ़े हुए डिमांड के चलते बिना किसी रेगुलेटरी चेकअप के अवैध तरीकों से बिना अप्रूवल वाले वजन कम करने की दवाओं को भारतीय फार्मेसियों तक पहुंचाया जा रहा है।

मार्केट में किस तरह से बिक रहे हैं ये दवाएं
दिल्ली के महरौली में अग्रवाल फार्मा की पूजा और उनके एम्पलायर ने इस बात को माना कि वे बिना किसी वैलिड डॉक्यूमेंट्स के ओजेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाओं का अवैध तरीके इंपोर्ट कर उसकी बिक्री की जा रही है. ये दवाएं अलग-अलग कीमत के टैग के साथ दुबई और इजिप्ट से मंगाई जाती हैं. बता दें कि इन दवाओं के बहुत खतरनाक साइड इफेक्ट्स भी हैं।

अग्रवाल फार्मा की पूजा ने बताया कि मौन्जारो और ओजेम्पिक की दवाएं ऑन डिमांड फार्मेसी की तरफ से मंगाई जाती हैं. दवा देते वक्त हम इसका बिल और एमआरपी नहीं जारी करते हैं. अगर आपको ये दवाएं चाहिए तो हमारे पास उपलब्ध है. इन दवाओं के स्मगलिंग रूट और उसमें आने वाले खतरे के बारे में जानकारी भी दी. साथ ही दुबई वैरिएंट के दवा के साइड इफेक्ट्स के बारे में भी आगाह किया।

अग्रवाल फार्मा की पूजा अग्रवाल ने आगे बताया कि दवाओं पर मिस्र का लेबल देख सकते हैं. इसकी कीमत 1 02,000 रुपये है. इसका एक ब्रांड दुबई से आता है, जिस पर मिस्र जैसा कोई लेबल नहीं है. इसकी कीमत 19,000 रुपये के आसपास है. इस वैरिएंट की दवा लेने की सलाह भी नहीं दी जाती है. दरअसल, दुबई वैरिएंट की दवाओं में खतरनाक साइड इफेक्ट्स का पता चला है. यह रोगियों में ब्लड प्रेशर को भी कम करता है।

दिल्ली के चांदनी चौक में एवी फार्मा के विवेक ने इस बात को स्वीकार किया कि वे बिना किसी वैलिड लेबलिंग और MRP के ओजेम्पिक दवा बेचते हैं. ओज़ेम्पिक के एक (पैक) इंजेक्शन की कीमत 23,000 रुपये है. एक इंजेक्शन में चार खुराकें होती हैं. इसे अधिकतर ऑर्डर पर खरीदा जाता है और इसे स्टॉक में नहीं रखा जाता है. इसके पैक पर मिस्र की एमआरपी होती है. वहीं, भागीरथ पैलेस के मग्गू फार्मास्युटिकल स्टोर के मनीष ने 17,000 रुपये प्रति इंजेक्शन देने की बात कही. वह बिना बिल के इसके 5 इंजेक्शन देने को तैयार हो गया।

इन दवाओं का असल इस्तेमाल क्या है?
अमेरिकन ड्रग रेगुलेटर ने ओजेम्पिक को डायबिटीज के इलाज के लिए साल 2017 में अप्रूव किया था. वहीं, इसके ज्यादा डोज वाले वैरिएंट को वेगोवी ब्रांड के तहत मोटापे के इलाज के लिए 2021 में मंजूरी दी थी. इसके अलावा मौन्जारो दवा को भी डायबिटीज के लिए इलाज के लिए मंजूरी मिली थी, लेकिन अनाधिकृत तौर पर इसे वेट लॉस के तौर पर भी उपयोग किया जाने लगा है।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं
मैक्स हेल्थकेयर में एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह के प्रमुख डॉ अंबरीश मिथल ने इन दवाओं के अनधिकृत खरीद और ऑफ-लेबल उपयोग के प्रति आगाह करते हुए कहा कि ये प्रॉपर मेडिकल सुपरविजन के इन इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए खतरे पैदा कर सकता है. आपको इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आपका वजन कम है और आप इसे कम करना चाहते एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं. उनसे पूछ सकते हैं कि क्या ये दवाएं आपके लिए सही हैं कि नहीं. फिलहाल इन दवाओं के नकली वैरिएंट भी मार्केट में आ गए हैं, जो चिंताजनक है।

डॉ अंबरीश मिथल ने आगे कहा कि ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवा लेने से आपको मतली और उल्टी की स्थिति हो सकती है. अगर आपका पैंक्रियाटाइटिस का इतिहास रहा है तो ये दवाएं बिल्कुल ना लें. थायराइड, कैंसर संबंधी इतिहास वाले लोग भी ये दवाएं ना लें. ऐसे लोगों के लिए ये दवाएं जानलेवा साबित हो सकती है।

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