
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने स्काउट्स एवं गाइड्स (Scouts and Guides) को पुरस्कार देकर सम्मानित किया (Honored by giving them Awards) ।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 16 उत्कृष्ट सदस्यों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्काउट/गाइड/रोवर/रेंजर पुरस्कार प्रमाणपत्र प्रदान किए। यह समारोह 2015 के बाद पहली बार आयोजित किया गया, जिसने लगभग 7 साल से रुकी हुई इस सम्मान की परंपरा को पुनर्जीवित किया। ये पुरस्कार वर्ष 2018 से 2021 तक की अवधि के लिए उनके अद्वितीय समर्पण और सेवा के लिए दिए गए। समारोह की शुरुआत से पहले, पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं और पदाधिकारियों को राष्ट्रपति भवन प्रोटोकॉल के अनुसार गोदावरी हॉल में लाया गया। इसके बाद, एक औपचारिक बैठक महानदी हॉल में हुई, जिसमें राष्ट्रपति को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स का स्कार्फ पहनाया गया और आंदोलन का संक्षिप्त परिचय दिया गया। पूर्वाह्न 11:10 बजे, राष्ट्रपति ने गोदावरी हॉल में प्रवेश किया, जहां उनका स्वागत सलामी के साथ किया गया। इसके बाद भावपूर्ण तरीके से भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की प्रार्थना ‘दया कर दान भक्ति का’ प्रस्तुत की गई, जिसने पूरे माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, बीएसजी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया और बताया कि सभी पुरस्कार विजेता स्काउट/गाइड वचन को जीवन में अपनाते हुए दूसरों की सेवा में सबसे आगे रहे हैं। मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के. के. खंडेलवाल ने संगठन के इतिहास और उसके उद्देश्यों की जानकारी देते हुए गर्व के साथ बताया कि बीएसजी अपनी प्रार्थना और वादे में समर्पण को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने वाला एकमात्र संगठन है। उन्होंने महात्मा गांधी के उस कथन का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने हर घर में स्काउट्स एवं गाइड्स जैसे प्रशिक्षित बच्चों की कामना की थी।
अपने प्रेरणादायक संबोधन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पाली, राजस्थान में जंबूरी में अपनी भागीदारी को अविस्मरणीय अनुभव बताया। उन्होंने 50% पुरुषों और 50% महिलाओं की भागीदारी की सराहना की, और भारत स्काउट्स एवं गाइड्स को अपनी सदस्यता एक करोड़ तक बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने सामाजिक उत्तरदायित्व पर जोर देते हुए कहा: “ख़ुद के लिए जिए तो क्या जिए, दूसरों के लिए जिएँ।” और “सेवा में ही मेवा है”, यह मूल्य स्काउट्स एवं गाइड्स में प्रतिदिन व्यवहार में लाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे समर्पित युवाओं के साथ भारत शीघ्र ही अपने गौरव को पुनः प्राप्त करेगा। समारोह के बाद, सभी सदस्यों को ब्रह्मपुत्र हॉल में जलपान के लिए आमंत्रित किया गया और राष्ट्रपति भवन के विभिन्न प्रतिष्ठित कक्षों जैसे अशोक हॉल, नर्मदा हॉल और गणतंत्र हॉल का निर्देशित भ्रमण कराया गया। यह प्रतिष्ठित अवसर न केवल युवा नेताओं की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की चरित्र निर्माण, सामुदायिक सेवा और राष्ट्रीय विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की भी पुष्टि थी।
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