
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) ने गुरुवार को 6 डेमोक्रेटिक सांसदों (6 Democratic Lawmakers) को ‘देशद्रोही’ करार दिया। ये सांसद अमेरिकी सैन्य और खुफिया कर्मियों (US Military and Intelligence Personnel) से राष्ट्रपति तथा उनके प्रशासन के गैरकानूनी आदेशों को मानने से इनकार करने की अपील कर रहे थे। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म (Truth Social Platform) पर लिखा कि यह सचमुच बहुत गलत और हमारे देश के लिए खतरनाक है। उनके इस तरह के शब्द बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। देशद्रोहियों का यह व्यवहार सरासर देशद्रोह है! क्या इन्हें जेल में डाल देना चाहिए?
डेमोक्रेट सांसदों का वीडियो संदेश
ये डेमोक्रेटिक सीनेटर और प्रतिनिधि ( जिनमें से सभी की सैन्य या खुफिया सेवा की पृष्ठभूमि है ) ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किए एक वीडियो में कहा था कि यह प्रशासन हमारे वर्दीधारी सैन्य और खुफिया समुदाय के पेशेवरों को अमेरिकी नागरिकों के ही खिलाफ खड़ा कर रहा है। इस समय हमारे संविधान को खतरा सिर्फ विदेश से नहीं, बल्कि अपने ही देश के अंदर से भी है। आप अवैध आदेशों को मानने से इनकार कर सकते हैं।
वाइट हाउस की प्रतिक्रिया
वाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने पहले ही बुधवार को इस वीडियो की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि यह अमेरिकी सैन्यकर्मियों से ‘अपने कमांडर-इन-चीफ के खिलाफ विद्रोह करने’ की खुली अपील है। इस वीडियो अपील में शामिल प्रमुख सांसदों में सीनेटर मार्क केली (पूर्व नौसेना लड़ाकू पायलट और नासा अंतरिक्ष यात्री) तथा सीनेटर एलिसा स्लॉटकिन (जिन्होंने इराक में सीआईए के साथ काम किया था) भी थे।
घरेलू स्तर पर विवादास्पद सैन्य तैनाती
हालांकि इन सांसदों ने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि वे किन खास आदेशों की बात कर रहे हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन को घरेलू और विदेशी दोनों मोर्चों पर अमेरिकी सेना के इस्तेमाल को लेकर भारी आलोचना झेलनी पड़ रही है। अमेरिका के अंदर ट्रंप ने कई शहरों में स्थानीय अधिकारियों की मर्जी के खिलाफ नेशनल गार्ड तैनात करने के आदेश दिए हैं। कई जगहों पर इन आदेशों को कानूनी चुनौती भी दी गई है। इसका मकसद कथित तौर पर बड़े पैमाने पर हो रही अशांति को काबू करना बताया जा रहा है।
विदेश में नशीली दवाओं के खिलाफ सैन्य कार्रवाई
विदेश में ट्रंप ने कैरिबियन सागर और पूर्वी प्रशांत महासागर में कथित ड्रग तस्करी करने वाले जहाजों पर हमले के आदेश दिए हैं। सितंबर की शुरुआत से अब तक इन हमलों में 80 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जानकारों का कहना है कि ये हमले गैरकानूनी हैं और हत्याओं की श्रेणी में आते हैं, भले ही इनमें ज्ञात तस्करों को ही निशाना बनाया गया हो।
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