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अब ‘Statue of Unity’ तक पर्यटक जाएंगे सीधे रेल मार्ग से, PM रविवार को आठ ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी

नई दिल्ली । दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक पर्यटक अब रेल मार्ग से सीधे जा सकेंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित देश के विभिन्न स्थानों को केवड़िया (गुजरात) से जोड़ने वाली आठ रेलगाड़ियां को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान गुजरात में रेलवे से संबंधित कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर रेलमंत्री पीयूष गोयल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित रहेंगे।

रेल मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री 17 जनवरी को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई, प्रतापनगर के बीच जिन आठ रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाएंगे उनमें छह एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के अलावा वडोदरा जिले में स्थित प्रतापनगर और केवड़िया के बीच दो मेमू सेवा भी शामिल हैं। अहमदाबाद-केवड़िया जनशताब्दी ट्रेन में आधुनिकतम “विस्टा-डोम पर्यटक कोच” भी होगा, जिससे पर्यटक ट्रेन में बैठकर रेल लाइन के आसपास के सुंदर मनोहारी द्श्यों का आनंद ले सकेंगे।

एक्सप्रेस ट्रेनों में केवड़िया-वाराणसी महामना एक्सप्रेस (साप्ताहिक), केवड़िया-रीवा एक्सप्रेस (साप्ताहिक), चेन्नई-केवड़िया एक्सप्रेस (साप्ताहिक), हजरत निजामुद्दीन-केवड़िया संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (पाक्षिक), दादर-केवड़िया एक्सप्रेस (प्रतिदिन), अहमदाबाद-केवड़िया जनशताब्दी एक्सप्रेस (प्रतिदिन) शामिल हैं। वहीं रेलगाड़ी संख्या 09107/08 प्रतापनगर-केवड़िया मेमू ट्रेन (प्रतिदिन) और रेलगाड़ी संख्या 09109/10 केवड़िया-प्रतापनगर मेमू ट्रेन (प्रतिदिन) चलेंगी।

प्रधानमंत्री मोदी दाभोई-चंदोद ब्रॉडगेज रेलवे लाइन, चंदोद-केवड़िया नई ब्रॉडगेज रेलवे लाइन, नव विद्युतीकृत प्रतापनगर-केवड़िया खंड की और दाभोई-चंदोद तथा केवड़िया में स्‍टेशनों की नई इमारतों का भी उद्घाटन करेंगे। इन इमारतों के डिजाइन में स्‍थानीय विशिष्‍टताओं का प्रयोग किया गया है और आधुनिक यात्री सुविधाएं दी गई हैं।

केवड़िया स्‍टेशन भारत का पहला रेलवे स्‍टेशन होगा, जिसे ग्रीन बिल्डिंग प्रमाण पत्र मिला है। इन परियोजनाओं से निकटवर्ती जनजातीय इलाकों में विकास कार्यों को गति मिलेगी, नर्मदा नदी के तटों पर स्थित महत्‍वपूर्ण धार्मिक और प्राचीन तीर्थस्‍थलों तक संपर्क कायम किया जा सकेगा, घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह क्षेत्र के समूचे सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण साबित होगा। इसके साथ-साथ इससे नये रोजगार और व्‍यावसायिक अवसरों के विकास में भी मदद मिलेगी।

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