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अच्छी फसल को तरसे पंजाब किसान, अब खाद की महंगाई ने किया हलकान


चंडीगढ़ः पंजाब के किसान गेहूं का दाना सिकुड़ जाने के कारण पहले ही काफी नुकसान में थे, अब खाद के दामों में बढ़ोतरी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है. हाल ही में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की कीमतों में 150 रुपए बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद खाद के 50 किलो के बैग की कीमत 1350 रुपए हो गई है. खाद की महंगाई के पीछे आयात की लागत बढ़ने और कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी को वजह बताया गया है.

डीएपी का बिक्री मूल्य इस समय 27 हजार रुपये प्रति टन है. सरकार हर साल अप्रैल से एनबीएस योजना के तहत उर्वरकों पर सब्सिडी की दरें अधिसूचित करती है लेकिन अभी तक नई दरें जारी नहीं की गई हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पिछले साल मई और उसके बाद अक्टूबर में डीएपी पर सब्सिडी में भारी बढ़ोतरी करके इसकी कीमत 1200 रुपये प्रति बैग पर कायम रखी थी लेकिन मार्च 2022 में डीएपी के दाम 150 रुपये प्रति बैग (50 किलो) बढ़ा दिए गए.


बताया जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. देश में सबसे अधिक खपत वाले उर्वरक यूरिया की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1,200 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है. जबकि डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) के लिए आवश्यक फॉस्फोरिक एसिड की कीमत बढ़कर 2,025 डॉलर प्रति टन हो गई है. इस समय देश में करीब 30 लाख टन डीएपी का स्टॉक बताया जा रहा है.

भारत प्रमुख तौर पर रूस, चीन, यूएई, अमेरिका, इराक, सऊदी अरब, हांगकांग, जापान और सिंगापुर जैसे देशों से उर्वरकों का आयात करता है. हालांकि म्यूरेट ऑफ पोटाश की आपूर्ति के लिए भारत ने कनाडा, जॉर्डन और इजराइल से अनुबंध किया है.

इस महीने की शुरुआत में देश के स्टॉक में लगभग 25-30 लाख टन डीएपी, पांच लाख टन म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) और 10 लाख टन नाइट्रोजन, फास्फोरस ,पोटाश और सल्फर के जटिल उर्वरकों (NPKS) के होने का अनुमान था. खरीफ सीजन के लिए ये काफी नहीं है. अकेले खरीफ सीजन में ही डीएपी की करीब 50 लाख टन अनुमानित खपत होती है.

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