
डेस्क: पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने पराली जलाने (Stubble Burning) के आरोप में 12 किसानों (Farmers) के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने ये एफआईआर (FIR) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी के बाद दर्ज की हैं, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि किसान पराली जलाने में पूरी तरह से छूट का दावा नहीं कर सकते हैं. इस सीजन में पंजाब पुलिस की तरफ से इस तरह की यह पहली कार्रवाई की गई है.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर को निगरानी शुरू होने के बाद से प्रदेश भर में पराली जलाने के 48 मामले सामने आए हैं. इनमें से 12 एफआईआर की गईं हैं. इनमें से 11 मामले अमृतसर में हैं, जो मौजूदा समय में पराली जलाने की घटनाओं में सबसे आगे हैं. यही कारण है कि प्रशासन की नजर इस बार अमृतसर पर बनी हुई है.
पंजाब पुलिस की तरफ से ये मामले भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दर्ज किए गए हैं. इसके तहत किसी आदेश का पालन न करने पर मामला दर्ज किया जाता है. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद भी अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है. 15 सितंबर से पीपीसीबी पराली जाने की घटनाओं पर नजर रख रहा है. पहला मामला 18 सितंबर को दर्ज किया गया है.
प्रदूषण के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है. अक्टूबर की शुरुआत और नवंबर में बड़े स्तर पर पराली जलाने का काम किया जाता है. इस बार बारिश के कारण अब तक ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं. हालांकि प्रशासन का मानना है कि अगले एक से दो हफ्तों के भीतर पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.
पंजाब में यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद की गई है. कोर्ट ने किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया था. हालांकि इस बात पर भी जोर दिया था कि उन्हें प्रदूषण फैलाने की परमिशन नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने साफ किया था कि पराली जलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराने या फिर उन्हें जेल भेजने पर विचार कर सकते हैं.
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