
नई दिल्ली । पंजाब(Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान(Chief Minister Bhagwant Mann) ने शनिवार को नीति आयोग(Policy Commission) की बैठक में पंजाब(Punjab) के लिए यमुना नदी(Yamuna River) के पानी की मांग की। उन्होंने हरियाणा के साल जल बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद और केंद्र द्वारा पंजाब के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का भी मुद्दा उठाया। इतना ही नहीं मान ने नांगल बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती का भी विरोध किया और केंद्र से इसे तुरंत हटाने की अपील की।
नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिंल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए मान ने केंद्र सरकार के पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर भी चिंता जताई। मान ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। सरकार को सतलुज-यमुना लिंक नहर नहीं बल्कि यमुना सतलुज लिंक नहर का निर्माण करना चाहिए।
पंजाब सीएम ने कहा, “सतलुज यमुना लिंक नहर की जगह यमुना सतलुज लिंक नहर पर विचार किया जाना चाहिए। पंजाब की नदियों रावी,व्यास और सतलुज में पहले से ही पानी की कमी है। इसलिए यमुना का पानी यहां, पंजाब में लाने की जरूरत है।”
आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा के बीच में पानी के विवाद को लेकर टकराव चल रहा है। ऐसे में पंजाब की आप सरकार ने भांखड़ा डैम का अतिरिक्त पानी हरियाणा के साथ साझा करने से इनकार कर दिया है। इस फैसले पर मान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगर हरियाणा रावी और ब्यास के पानी पर दावा करता है तो उस आधार से यमुना के पानी पर पंजाब का भी अधिकार है।
मुख्यमंत्री मान ने 12 मार्च 1954 को तत्कालीन पंजाब और उत्तर प्रदेश के बीच साइन कि गई यमुना-सतलुज लिंक परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस समझौते के तहत राज्य को यमुना के दो-तिहाई पानी पर अधिकार दिया गया था।
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