
इंदौर। शास्त्री ब्रिज पर चूहों का खतरा फिलहाल कायम है, क्योंकि बड़ी संख्या में बिल अभी मौजूद हैं। हालांकि निगम का कहना है कि वह एक-एक कर सभी बिलों को खत्म करेगा और पेस्ट-कंट्रोल लगातार कराया जा रहा है। इसके साथ ही शास्त्री ब्रिज पर 60 लाख रुपए की राशि नगर निगम खर्च कर रहा है, जिसमें फुटपाथ के नवीनीकरण से लेकर अभी चल रहा मरम्मत कार्य शामल है। एक जो बड़ा गड्ढा हुआ था, उसकी भी मरम्मत निगम करवा रहा है।
निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक चूहों के कारण 4 से 5 फीट का गड्ढा हो गया था उसकी मजबूत मरम्मत कराई जा रही है। स्लैब भी डाली जाएगी। वहीं खुदाई कर जो दुकानें बनाई थी उसे भी निगम ने बंद करवा दिया और उस पर दीवार भी निर्मित करवा दी है। अभी हालांकि शास्त्री ब्रिज के नीचे बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। इस पर श्री राठौर का कहना है कि एक-एक कर सभी बिलों को बंद किया जाएगा और लगातार पेस्ट-कंट्रोल भी कराया जा रहा है। रीगल से लेकर शास्त्री ब्रिज और उधर यशवंत प्लाजा तक के हिस्से को पूरी तरह से चूहों से मुक्त करवाएंगे, ताकि ब्रिज की मजबूती कायम रहे।
40 लाख रुपए की राशि फुटपाथ पर और 20 लाख रुपए की राशि मरम्मत कार्य पर निगम फिलहाल खर्च भी कर रहा है। जहां पर गड्ढा हुआ वहां पर बेरिकेट्स भी लगा दिए। इसके साथ ही शहर के कई ब्रिज, ऐतिहासिक इमारतों में भी चूहों का खतरा बढ़ गया है। यहां तक कि एमवाय में दो नवजात बच्चों को चूहों ने कुतर लिया था, तो एयरपोर्ट पर एक यात्री को भी चूहे ने काटा, जिसको लेकर खासा हल्ला भी मचा। निगम ने अभी शास्त्री ब्रिज पर खाना बांटने पर भी रोक लगा दी है, क्योंकि स्टेशन पर आने वाले यात्रियों के अलावा बड़ी संख्या में भिखारिया का डेरा यहां रहता है।
गांधी प्रतिमा के नीचे भी चूहों की फौज है जमा
रीगल तिराहा पर गांधी प्रतिमा लगी है, उसके नीचे भी चूहों की फौज होने की जानकारी सामने आई है। दरअसल, यहां बड़ी संख्या में पक्षियों को दाना भी डाला जाता है, उसके कारण भी चूहे हो सकते हैं। चूंकि शास्त्री ब्रिज में ढेर सारे चूहों के बिल मिले हैं। लिहाजा उसके पास ही स्थित गांधी प्रतिमा तक भी चूहों का खतरा संभव है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर का कहना है कि गांधी प्रतिमा के आसपास की भी जांच नगर निगम करेगा और अगर वहां भी मिले तो उन्हें भी बंद करवाकर पेस्ट-कंट्रोल करवाएंगे।
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