
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी फिच ने आम बजट पर अपनी टिप्पणी में कहा कि निकट अवधि में भारत का राजकोषीय घाटा अनुमान से अधिक है और मध्यम अवधि में समेकन की गति उम्मीद से धीमी है। सोमवार को पेश किए गए आम बजट 2021-22 में कहा कि इस समय राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 फीसदी से अधिक है, जबकि उसका लक्ष्य इसे 3.5 फीसदी पर रखने का था।
अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.8 फीसदी है। फिच रेटिंग्स की एशिया-प्रशांत सावरेन दल के निदेशक जेरेमी जुक ने कहा कि, ‘भारत में केंद्र सरकार द्वारा एक फरवरी को पेश किए गए बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य अधिक है, मध्यम अवधि में समेकन उम्मीद से अधिक धीमा है।’
जूक ने आगे कहा कि, ‘हमने वृद्धि संभावनाओं और भारी सार्वजनिक ऋण की चुनौतियों तथा महामारी के प्रकोप के मद्देनजर जून 2020 में नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ भारत की रेटिंग को बीबीबी- पर रखा था।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में बड़े पैमाने पर खर्च का ऐलान किया, जिसका एक बड़ा हिस्सा उधारी के जरिए पूरा किया जाएगा।
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