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RBI ने दी ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को मंजूरी, अब बिना इंटरनेट के कर सकेंगे 200 रुपये तक का पेमेंट

नई दिल्‍ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सोमवार को ऑफलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन (offline payment transaction) का नया नियम जारी किया. नए नियम के मुताबिक कोई व्यक्ति अब अधिक से अधिक 200 रुपये का ही ऑफलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन कर सकेगा. यह पेमेंट ‘फेस-टू-फेस’ या आमने-सामने किया जाएगा. दरअसल रिजर्व बैंक ऑफलाइन तरीके से पेमेंट में कई तरह के सुधार कर रहा है और ग्राहकों के लिए स्मॉल वैल्यू डिजिटल पेमेंट (small value digital payment) के नियम बनाए जा रहे हैं. 200 रुपये का अधिकतम लिमिट उसी का एक हिस्सा है. किसी पेमेंट इंस्ट्रूमेंट पर ऑफलाइन पेमेंट की कुल लिमिट 2,000 रुपये तय की गई है.

यह नियम ऑफलाइन मोड में डिजिटल पेमेंट का एक हिस्सा है. कुछ वित्तीय काम में इसकी पायलट टेस्टिंग भी की गई है जिसे सितंबर 2020 से जुलाई 2021 तक चलाया गया है. बीते साल 6 अगस्त को रिजर्व बैंक ने इससे जुड़े एक पायलट स्कीम को मंजूरी दी थी. इसमें कहा गया था कि ऑफलाइन या बिना इंटरनेट के डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. यह प्रयास छोटी वैल्यू के डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए किए गए.


क्या है नया नियम
इसी के आधार पर रिजर्व का नया नियम आया है कि 200 रुपये तक का डिजिटल ऑफलाइन (बिना इंटरनेट) पेमेंट ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इसके लिए लेनदेन करने वाले लोगों को या मर्चेंट और देनदार को आमने-सामने रहना होगा. यानी 200 रुपये का ऑफलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन तभी किया जाएगा जब लेनदार और देनदार आमने-सामने हों.

बिना इंटरनेट फोन से पेमेंट
RBI ने कहा है कि ऑफलाइन पेमेंट किसी भी मशीन पर तभी किया जाएगा जब ग्राहक उसके लिए अनुमति देगा. ऑफलाइन पेमेंट के लिए ग्राहक अलग-अलग माध्यमों जैसे कि कार्ड, मोबाइल वॉलेट या मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऑफलाइन मोड में पेमेंट हमेशा आमने-सामने किया जाएगा. यहां ऑफलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन का अर्थ है जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत न हो. रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके नए नियम और निर्देश को ऑथराइज्ड पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर और पेमेंट सिस्टम पार्टीसिपेन्ट्स को पालन करना जरूरी होगा.

फीचर फोन के लिए खास सुविधा
भारत में तेजी से बढ़ते मोबाइल फोन, फीचर फोन और डेटा की उपलब्धता के बावजूद कई इलाके ऐसे हैं जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी बड़ी समस्या है. विश्व बैंक का एक ताजा डेटा बताता है कि 2019 में भारत की 41 फीसदी आबादी तक ही इंटरनेट डेटा की पहुंच थी. ऐसे में बहुसंख्य आबादी इंटरनेट की सुविधा से वंचित है. ऐसे में उन इलाकों में ऑनलाइन या इंटरनेट से पेमेंट ट्रांजेक्शन की सुविधा देना दूर की कौड़ी साबित होगी. इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही आरबीआई ने बहुत पहले ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट की तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए फीचर फोन से भी पेमेंट के नियम बनाए जा रहे हैं जो इसी साल सामने आ सकते हैं.

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