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RBI New Rules: लोन लिमिट पर बैंक अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, ग्राहकों की मंजूरी जरूरी

December 12, 2025

नई दिल्ली। बैंक और लोन ऐप (Banks and Loan apps) अब अपनी मर्जी से लोन की लिमिट को नहीं बढ़ा सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने स्पष्ट किया कि ग्राहक की लिखित मंजूरी के बाद ही लोन सीमा को बढ़ाया जा सकता है। बैंकों की लोन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आरबीआई ने नए दिशा-निर्देश (RBI New Rules) जारी किए हैं। रिजर्व बैंक ने डेटा संरक्षण को लेकर साफ किया है कि बिना ग्राहक की मंजूरी के उसका डाटा थर्ड पार्टी से साझा नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि बैंकों द्वारा अपनी मर्जी से लोन सीमा बढ़ाए जाने को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। छोटी धनराशि वाले कर्ज को लेकर शिकायतें सबसे अधिक थीं। उदाहरण के लिए अगर किसी ग्राहक ने 20 हजार का लोन मंजूर कराया और तय किस्तों पर ग्राहक द्वारा लोन चुकाया जा रहा है तो कुछ बैंक और लोन ऐप आखिरी किस्त आने से पहले बिना स्वीकृति ग्राहक के खाते में 10 हजार रुपये का लोन जारी कर देते हैं। बैंक इसके पीछे अच्छी साख का तर्क देते हैं। ग्राहक इसे लौटाना चाहे तो बैंक आनाकानी करते हैं और ग्राहक पर जुर्माना लगाया जाता है।


कर्ज लेने वाले ग्राहकों की एफडी या बचत ब्लॉक न करें
आरबीआई के नए नियमों के तहत बैंक कर्ज को किसी सावधि जमा यानी एफडी, बचत खाते या सुरक्षा योजना से लिंक नहीं कर सकते। बैंकों को लेकर शिकायत थी कि छोटे ऋण जारी करते वक्त गारंटी के तौर पर ग्राहक की एफडी, खाते या अन्य सुरक्षा योजना को लिंक किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जब तक ऋण पूरा अदा नहीं होता है या कोई किस्त जमा नहीं जाती है तो बैंक ग्राहक को एफडी तोड़ने की इजाजत नहीं देते।

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि घर के खर्च और आय का आकलन बैंकों के लिए करना जरूरी है, लेकिन ऋण के बदले एफडी, खाते या किसी अन्य सुरक्षा को लिंक नहीं किया जा सकता। जरूरत का डेटा ही ले सकेंगे बैंक : कर्ज सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए नए सख्त नियम जारी किए गए हैं। नियमों में डेटा कलेक्शन से लेकर उसकी स्टोरेज, थर्ड-पार्टी शेयरिंग और सभी डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की रिपोर्टिंग तक के प्रावधान शामिल हैं। मोबाइल की फाइल, फोटो, कॉन्टैक्ट्स, कॉल लॉग आदि किसी भी संवेदनशील डेटा तक पहुंच नहीं होगी। कैमरा, माइक्रोफोन, लोकेशन जैसी सुविधाओं का केवल एक बार उपयोग केवाईसी के लिए ही किया जा सकेगा।

ग्राहकों के हित में अनिवार्य नियम
– बैंकों को दस्तावेज सत्यापित ई-मेल व एसएमएस पर देने होंगे।
– धनराशि ऐप या एजेंट नहीं सीधे ग्राहक के खाते में जाएगी।
– समय से पहले बिना जुर्माने कर्ज चुकाने का अवसर देना होगा।
– रिकवरी एजेंट की जानकारी ग्राहक को पहले से भेजनी होगी।
– कोई तीसरी पार्टी पैसे के लेनदेन को नियंत्रित नहीं कर सकती।

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