
मॉस्को। भारत की तमाम आपत्ति के बाद भी रूस की सेना (Russia army) में भारतीयों की भर्ती रुकी नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भी रूस की सेना में कम से कम 44 भारतीय काम कर रहे हैं। भारत सरकार (Government of India) ने रूस से उन्हें तत्काल कार्यमुक्त (relieved immediately) करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने इस मामले को मॉस्को के साथ उठाया है और उनसे रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती रोकने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों में, हमें कई भारतीय नागरिकों के रूसी सेना में भर्ती होने की सूचना मिली है।’ उन्होंने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमारी जानकारी के अनुसार, वर्तमान में 44 भारतीय नागरिक रूस की सेना में सेवारत हैं।’ भारतीय अधिकारियों ने सितंबर में कहा था कि रूसी सेना में 27 भारतीय सेवारत हैं।
जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मामले को रूसी अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे भारतीयों को ‘जल्द से जल्द कार्यमुक्त करने और इस प्रथा को समाप्त करने’ का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम रूसी पक्ष के संपर्क में हैं। हम इन लोगों के परिवारों के भी संपर्क में हैं और उन्हें मामले की जानकारी दे रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले साल अपनी रूस यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया था। जायसवाल ने भारतीयों से रूसी सेना में सेवा करने के प्रस्तावों से दूर रहने का आह्वान किया क्योंकि ये ‘जान के लिए खतरा’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह कई बार कहा है। हमारे बार-बार याद दिलाने के बावजूद, लोगों की भर्ती हो रही है। अगर कोई ऐसा करना चाहता है, तो हम उसे रोक नहीं सकते, लेकिन हम इस बात पर जोर देते रहेंगे कि इन नौकरियों के लिए आवेदन करने के बाद आपको इन खतरों के बारे में पता होना चाहिए।’’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए भारतीयों की संख्या अब लगभग 170 है। रूसी अधिकारियों ने 96 लोगों को कार्यमुक्त कर दिया है, जबकि 16 अन्य को लापता घोषित किया गया है। यूक्रेन में संघर्ष के अग्रिम मोर्चे पर लड़ते हुए कम से कम 12 भारतीय मारे गए।
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