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गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर दिखेंगे तेजस, एलसीएच और सुखोई

नई दिल्ली । इस बार ​गणतंत्र दिवस पर भारतीय वायुसेना की झांकी में लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस भी दिखेगा, जिसके एमके-1ए वेरिएंट की खरीद पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने मुहर लगाई है।​ झांकी में ​एलसीए तेजस को स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम से लैस ​​दिखाया जायेगा। इसके अलावा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और लड़ाकू सुखोई-30 को भी झांकी का हिस्सा बनाया गया है। परेड के बाद होने वाले फ्लाई पास्ट में पहली बार फाइटर जेट राफेल शामिल होकर आसमान में अपनी ‘वर्टिकल चार्ली’ पैंतरेबाजी दिखायेगा।


यह भी पहला मौका होगा जब भारत की महिला फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना कांत परेड का हिस्सा होंगी। तीनों महिला अधिकारी वायुसेना की उस झांकी के साथ होंगी, जिसमें एलसीए तेजस, स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और लड़ाकू सुखोई-30 को दर्शाया जायेगा। फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने को गर्व का क्षण बताया है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने वाला एलसीएच अभी वायुसेना के बेड़े का हिस्सा नहीं बना है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 20 नवम्बर को बेंगलुरु में इस हेलीकॉप्टर में उड़ान भरकर देखा। इसके बाद वायुसेना ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 15 विमानों का ऑर्डर दिया है, जिसमें 5 हेलीकॉप्टर सेना को मिलेंगे। डीआरडीओ की ओर से निर्मित स्वदेशी मिसाइल अस्त्र और आकाश को भी इस बार झांकी में शामिल किया जाएगा।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 15 एचएएल द्वारा निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के प्रारंभिक बैच के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एलओसी और एलएसी को अधिकतम 300 किमी. की हवाई दूरी की रेंज में रखने के लिए भारतीय वायुसेना किश्तवाड़ में अपने नया एयरबेस बनाने जा रही है। इस नए एयरबेस पर ही एलसीएच को तैनात किये जाने की योजना है। किश्तवाड़ हेलीपैड से पाकिस्तान सीमा (एलओसी) की अधिकतम दूरी 290 किमी. और चीन की सीमा (एलएसी) की अधिकतम दूरी 220 होगी। इस तरह दोनों सीमाओं पर वायुसेना के एचएएल लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) महज दो से तीन मिनट में पहुंचकर किसी भी मिशन को अंजाम दे सकते हैं। इसकी अधिकतम गति हथियारों के साथ 550 किमी. और लड़ाकू रेंज 300 नॉटिकल मील (340 मील) प्रति घंटा है।

वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड का समापन पारंपरिक फ्लाई पास्ट के साथ होगा। इसमें पहली बार फाइटर जेट राफेल भी हिस्सा बनेगा जो आसमान में अपनी ‘वर्टिकल चार्ली’ पैंतरेबाजी दिखायेगा। फ्लाई पास्ट के लिए राफेल के साथ दो जगुआर और दो मिग 29 के लड़ाकू विमान आसमान में ‘त्रिकोण’ का गठन करेंगे। इस बार इस बार भारतीय वायुसेना के शौर्य का जोर-शोर से प्रदर्शन किया जाएगा। फ्लाई पास्ट में राफेल लड़ाकू विमान से लेकर अमेरिकी एयरक्राफ्ट चिनूक भी शामिल होगा। इससे पहले सुखोई विमान इस ड्रिल को करता था। फ्लाई पास्ट में कुल 42 विमान हिस्सा लेंगे, जिसमें 15 फाइटर, 21 हेलिकॉप्टर और 5 ट्रांसपोर्ट विमान उड़ान भरेंगे।

गणतंत्र दिवस परेड में अभी तक स्कूली छात्र-छात्राएं ही हिस्सा लेते थे लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के चलते इस बार 15 साल से अधिक उम्र के स्टूडेंट ही हिस्सा ले सकेंगे। इसलिए रक्षा मंत्रालय ने देशभर के करीब एक दर्जन विश्वविद्यालयों को गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। इस बार कौन-कौन से विश्वविद्यालय परेड में हिस्सा लेंगे, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। इस बार कुल 32 झांकियां राजपथ पर दिखाई देंगी, जिनमें 17 राज्यों की झांकी हैं।बाकी केंद्रीय मंत्रालयों और तीनों सेनाओं की झांकियां होंगी। इस बार गणतंत्र दिवस परेड भी लालकिले पर खत्म ना होकर इंडिया गेट के करीब नेशनल स्टेडियम में ही खत्म हो जाएगी। यानी साढ़े आठ किलोमीटर लंबी परेड को अब मात्र साढ़े तीन किलोमीटर तक ही सीमित कर दिया गया है।

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