
सैन फ्रांसिस्को। हाल ही में हुए साइबर हमले के दौरान अमेरिका की 250 सरकारी एजेंसियों ( US government agencies) और शीर्ष कंपनियों ( US companies) को निशाना बनाया गया था। रूसी हैकरों (Russian hackers) द्वारा यह हमला अंजाम दिया गया था और इसके लिए उन्होंने मॉनीटरिंग और मैनेजमेंट साफ्टवेयर ‘सोलरविंड ओरियन’ का इस्तेमाल किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्लाउड सर्विस प्रदान करने वाली अमेजन और माइक्रोसाफ्ट कंपनियों की जांच से इसके सुबूत मिले हैं।
रिपोर्ट में सीनेटर मार्क वार्नर के हवाले से कहा गया है कि पहले उन्हें इस तरह की खबर से सिर्फ चिंता हुई थी, लेकिन अब यह बहुत ही डराने वाला लग रहा है। यह स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन इसे पकड़ने में असफल रहा। माइक्रोसाफ्ट ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसके सिस्टम में घुसपैठ की गई थी। कंपनी ने कहा कि उसे कुछ आंतरिक अकाउंट में असामान्य गतिविधि का पता चला और जब इसकी समीक्षा की पता चला कि एक अकाउंट का प्रयोग ‘सोर्स कोड’ देखने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इन अकाउंट की जांच के बाद इन्हें हटा दिया गया।
बता दें कि शुरुआत में यह अनुमान लगाया गया था कि रूसी हैकर्स 18,000 सरकारी दफ्तरों और निजी कंपनियों पर हमला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक हमलों के लिए जिन सोलरविंड साफ्टवेयर का प्रयोग किया गया था उन्हें पूर्वी यूरोप में डिजाइन किया गया था और अब जांचकर्ता यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं क्या साइबर हमलों को वहीं से अंजाम दिया गया था। बता दें कि पूर्वी यूरोप के इलाकों में रूसी खुफिया एजेंसी की जड़े काफी गहरी हैं। साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सीआइएसए) ने कहा है कि या तो संघीय एजेंसियों को हैक किए गए सोलरविंड ओरियन साफ्टवेयर को अपडेट करना होगा नहीं तो उसे अपनी सभी एप को आफलाइन ले जाना होगा।
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