
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central government) पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन (protest) छेड़ने की घोषणा की है। आंदोलन से पहले SKM के नेता 16 से 18 जुलाई तक प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सांसदों को मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक करेंगे। संगठन ने नौ अगस्त को कॉर्पोरेट्स (Corporates) भारत छोड़ो दिवस (Quit India Day) के रूप में मनाने का भी एलान किया है।
किसान नेता और पश्चिम बंगाल से माकपा के पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह ने बताया कि बुधवार को हुई एसकेएम की आमसभा में फिर आंदोलन शुरू करने पर सहमति बनी।
इस बार पूरे देश में आंदोलन
मोल्लाह ने बताया कि 9 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार और एसकेएम के बीच हुए समझौते को भुला दिया गया है। न तो एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी गई और न ही कई अन्य मांगें मानी गईं। ऐसे में पिछली बार हमने दिल्ली का घेराव किया था, इस बार अखिल भारतीय स्तर पर आंदोलन करेंगे।
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