
नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव (Shani Dev) जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहा जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों को शनिदेव शुभ फल व गलत कार्यों में लिप्त लोगों को दंडित करते हैं। वर्तमान में शनिदेव मकर राशि (Capricorn) में वक्री अवस्था में विराजमान हैं। शनि की वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल (reverse movement) से है। शनि वक्री अवस्था में शनि की साढ़ेसाती (sade sati of saturn) व शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों के लिए कष्टकारी माने गए हैं।
शनि कब होंगे मार्गी?
शनि 23 अक्टूबर 2022 को मार्गी होंगे। इस दिन धनतेरस भी है। शनि के मार्गी होने से शनि की महादशा से पीड़ित राशियों पर शनि का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के उपाय-
1. प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करें।
2. शनिवार के दिन काले तिल, उड़द व काले वस्त्रों का दान करें।
3. शनिवार को पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपर जलाएं।
4. हनुमान जी की अराधना करें।
5. शनिवार को मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें।
नोट – इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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