img-fluid

आसिम मुनीर को CDF नहीं बनाना चाहते शहबाज शरीफ? पाक सेना में घमासान

December 02, 2025

इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में शीर्ष सैन्य नेतृत्व को लेकर गहरा संवैधानिक और संस्थागत संकट पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) जानबूझकर देश से बाहर रह रहे हैं ताकि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को पाकिस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना पर हस्ताक्षर करने से बचा जा सके।

सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) के सदस्य तिलक देवाशेर ने ANI से बातचीत में बताया कि जैसे ही 29 नवंबर यानी आसिम मुनीर के तीन साल के मूल कार्यकाल की समाप्ति की तारीख पास आई, शहबाज शरीफ बहरीन और फिर लंदन रवाना हो गए।

उन्होंने कहा- बहुत चालाकी से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बहरीन गए और वहीं से सीधे लंदन चले गए। वह स्पष्ट रूप से इस अधिसूचना पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहते, जिससे आसिम मुनीर को पांच साल का कार्यकाल मिले और उन्हें CDF के रूप में नियुक्त किया जा सके।

संवैधानिक और परिचालन वाला संकट

अधिसूचना जारी न होने के कारण पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को लेकर असामान्य स्थिति पैदा हो गई है। देवाशेर ने कहा कि यदि यह माना जाए कि आसिम मुनीर का कार्यकाल समाप्त हो गया है, तो पाकिस्तान के पास इस समय कोई आर्मी चीफ नहीं है। इतना ही नहीं, न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी, जिसे नए ‘स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड’ के तहत रखा जाना था, वह भी अधर में है। यह पाकिस्तान के लिए बेहद विचित्र और खतरनाक स्थिति है।



पाकिस्तान के संशोधित संविधान के अनुसार, सेना प्रमुख का कार्यकाल CDF के कार्यकाल के बराबर यानी पांच वर्ष माना गया है। लेकिन इस पर कानूनी विशेषज्ञों में मतभेद है कि क्या इसके लिए नई अधिसूचना जरूरी है।

कानूनी व्याख्या पर मतभेद

देवाशेर के अनुसार, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 2024 के पाकिस्तान आर्मी एक्ट अमेंडमेंट के कारण यह मामला अपने आप सुलझ चुका है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि संशोधन में एक ‘डीमिंग क्लॉज’ शामिल है- यानी यह प्रावधान मान लिया जाता है कि पहले से प्रभावी था। ऐसे में मुनीर का कार्यकाल अपने आप पांच साल तक बढ़ गया माना जा सकता है।

देवाशेर ने कहा- कुछ लोगों का मानना है कि 2004 के संशोधन के तहत सेना प्रमुख का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। आसिम मुनीर ने अभी तीन वर्ष पूरे किए हैं, इसलिए उनके पास दो साल और बचे हैं। ऐसे में नई अधिसूचना की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लेकिन यह बेहद विवादित मुद्दा है और यह देखना होगा कि अदालत और सरकार इसे कैसे देखती हैं।

सैन्य हलकों में सत्ता संघर्ष के संकेत

उन्होंने यह भी दावा किया कि सेना के भीतर अब पदों को लेकर हलचल बढ़ गई है। देवाशेर ने कहा- कई जनरल अब नए सेना प्रमुख या सेना में बनाए गए दो चार-स्टार पदों पर नियुक्ति के लिए सक्रिय हो गए हैं।

प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति से बढ़ी अनिश्चितता

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की विदेश यात्रा ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। देवाशेर ने चेतावनी दी- यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती। एक परमाणु-संपन्न देश बिना सेना प्रमुख और न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के प्रभारी के नहीं चल सकता। अब तक सरकार ने अधिसूचना पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, जिससे पाकिस्तान की सैन्य कमान को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, यह अस्पष्टता पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य ढांचे में और अस्थिरता पैदा कर रही है।

Share:

  • राहुल गांधी वाली 'खटाखट' योजना स्विट्जरलैंड में फ्लॉप

    Tue Dec 2 , 2025
    नई दिल्‍ली। स्विट्जरलैंड ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ‘खटाखट’ स्कीम (‘Khat Khat’ Scheme) को जोरदार झटका दिया है। हैरान हो गए न! पहली नजर में झटका तो लगेगा ही, लेकिन हुआ यही है। दरअसल, 30 नवंबर 2025 को हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह में दुनिया के सबसे अमीर देश स्विट्जरलैंड के 78% से अधिक मतदाताओं […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved